Premanand Maharaj: वृंदावन के संत इन दिनों अपने बयानों की वजह से चर्चा में हैं। कुछ दिन पहले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य अपने विवादित बयान की वजह से सोशल मीडिया और आम जनता के निशाने पर थे, और अब प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 14 सेकंड के वायरल वीडियो में प्रेमानंद जी महाराज कहते दिख रहे हैं कि 100 में से केवल चार लड़कियाँ ही पवित्र होती हैं। हालाँकि, इस वीडियो को अधूरे संदर्भ में वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो 12 जून का है। यह बातचीत प्रेमानंद जी महाराज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए इस वीडियो की शुरुआत में है।
दरअसल, एक महिला ने पूछा कि महाराज जी, आजकल बच्चे अपनी पसंद से शादी करें या अपने माता-पिता की पसंद से, दोनों ही स्थितियों में परिणाम अच्छे नहीं आते, तो हमें कैसे पता चलेगा कि परिणाम कितने अच्छे होंगे?
इसके जवाब में प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि आजकल बच्चों और लड़कियों का चरित्र ही पवित्र नहीं है, तो परिणाम अच्छे कैसे होंगे। पहले हमारी सभी माताओं और बहनों की जीवनशैली देखिए। हम अपने गाँव की बात कर रहे हैं। वह बूढ़ी थीं, पर इतना ही घूँघट रखती थीं। आजकल लड़के-लड़कियाँ कैसे कपड़े पहन रहे हैं, कैसा व्यवहार कर रहे हैं।
‘हमारी आदतें बिगड़ रही हैं’
उन्होंने कहा कि एक लड़के से नाता तोड़ो, फिर दूसरे से नाता तोड़ो, फिर तीसरे से नाता तोड़ो, और यह व्यवहार व्यभिचार में बदल रहा है। यह शुद्ध कैसे होगा? मान लीजिए हमें चार होटलों का खाना खाने की आदत हो गई है, तो हमें अपने घर की रसोई का खाना पसंद नहीं आएगा। जब हमें चार पुरुषों से मिलने की आदत हो जाएगी, तो हम एक पति को स्वीकार करने का साहस नहीं कर पाएँगे। इसी प्रकार, जब एक लड़का चार लड़कियों के साथ व्यभिचार करता है, तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं होगा। उसे चार के साथ व्यभिचार करना ही पड़ेगा क्योंकि उसने इसे आदत बना लिया है। हमारी आदतें बिगड़ रही हैं।
‘सौ में से लगभग दो या चार लड़कियाँ ऐसी होंगी जो…’
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि आजकल बहू या पति मिलना बहुत मुश्किल है। सौ में से दो-चार लड़कियाँ ऐसी होंगी जो अपना पवित्र जीवन जीकर किसी पुरुष को समर्पित कर देती हैं। वो सच्ची बहू कैसे बनेगी? जिसने चार लड़के देखे हैं, वो सच्ची बहू बनेगी! जिसने चार लड़कियाँ देखी हैं, वो सच्चा पति बन पाएगी! तो अब हमारा देश भारत एक धार्मिक देश है, अब हमारे देश में कुरीतियाँ घुस आई हैं, ये विदेशी माहौल घुस आया है। ये लिव-इन रिलेशनशिप क्या है? गंदगी का भण्डार। यहाँ हमने पवित्रता के लिए अपनी जान दे दी, जब मुगलों ने हमला किया, तो हमने पवित्रता के लिए अपनी जान दे दी, लेकिन उन्हें अपने शरीर को छूने नहीं दिया।
‘पति के लिए जान देने की भावना हमारे देश में रही है’
उन्होंने कहा कि हमारे देश में पति के लिए जान देने की भावना रही है कि भले ही हमारी जान चली जाए, मेरे पति का बाल भी बांका न हो और यहाँ पतियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। पत्नी को प्राण माना जाता है। उसे अर्धांगिनी माना जाता है। हमारे देश की ये भाषाएँ कहाँ चली गईं? ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि व्यभिचार तो पहले से ही होता आया है। यहाँ इसे बहुत पवित्र आचरण माना जाता था। विवाह के बाद पूरे गाँव के देवी-देवताओं की पूजा होती थी। बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता था, फिर गृहस्थ धर्म में प्रवेश किया जाता था। आज वे पहले से ही गंदे आचरण में लगे हैं, कौन जाने विवाह में हाथ मिलाने की पवित्र धारा को क्या मानेंगे?
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जीवन उस पति को समर्पित है जिसका हाथ मिला है। हमारा देश भारत है, कोई विदेश नहीं जहाँ आज इस व्यक्ति के साथ, कल उस व्यक्ति के साथ, परसों उस व्यक्ति के साथ। तो अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि लड़के-लड़कियाँ पवित्र नहीं हैं, अगर किसी तरह वे पवित्र लग जाएँ तो इसे ईश्वर का आशीर्वाद समझिए। हम कहते हैं कि बचपन में जो गलती हुई सो हो गई, लेकिन शादी के बाद सुधर जाना चाहिए। बड़ा अजीब समय है।

