भारत के इतिहास का जब-जब जिक्र होता है तो मुगल काल के पन्ने भी पलटे जाते हैं. लेकिन, मुगल काल सिर्फ राजनीति, किलों और इमारतों के लिए नहीं जाना जाता. बल्कि, मुगलों का हरम भी खूब चर्चाओं में रहता है. कई इतिहासकारों ने मुगल हरम का अपनी किताबों में जिक्र किया है.
मुगल हरम को सिर्फ अय्याशी का अड्डा नहीं माना जाता है. बल्कि वहां सियासत, चालाकियां और सत्ता की होड़ भी खूब चलती थी. क्योंकि, हरम ज्यादातर बादशाह की बीवियां चलाती थीं. लेकिन, जिसपर बादशाह का दिल आ जाता था या नजर ठहर जाती थी उसका हरम से लेकर दरबार में प्रभाव बढ़ जाता था. ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि आखिर हजारों में से कैसे चुना जाता था कि बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन जाएगा.
बादशाह को पसंद होती थीं ये खास महिलाएं
मुगल हरम पर कई इतिहासकारों ने लिखा है, जिनमें से एक किशोरी शरण लाल भी हैं. किशोरी शरण लाल ने अपनी किताब The Mughal Harem में लिखा है, मुगल बादशाहों को खासतौर पर बंगाल और कश्मीर की महिलाएं पसंद आती थीं. इसके पीछे वह वजह भी बताते हैं. इतिहासकार के मुताबिक, बंगाली महिलाएं सुंदरता के साथ संगीत और नृत्य-कला में अच्छी होती थीं. ऐसे में वह बादशाह का मनोरंजन कर पाती थीं। वहीं, कश्मीरी महिलाओं को उनकी सुंदरता और आकर्षण के लिए पहचाना जाता था.
बादशाह के साथ रात बिताने के लिए कैसे चुनी जाती थीं महिलाएं?
मुगल हरम से कौन-सी महिला बादशाह के साथ बिस्तर पर जाएगी इस बात का फैसला और कोई नहीं, बल्कि खुद बादशाह लेता था. बादशाह हरम में शराब पीते थे और संगीत और नृत्य से मनोरंजन करते थे. इसके बाद वह खुद ही चुनते थे कि उनके साथ बिस्तर पर कौन जाएगा। इस बात का जिक्र भारत यात्रा पर आए डच के कारोबारी फ्रांसिस्को ने किया है. बादशाह के साथ बिस्तर पर जाने वाली महिला उनकी बीवी या अन्य कोई कनीज भी होती थी.
बादशाह का खौफ इतना होता था कि अगर कोई उनकी इच्छा से खिलाफ जाता था, तो उसे सीधा मौत की सजा दे दी जाती थी. ऐसे में बादशाह जिन्हें चुनता था उन्हें हम बिस्तर होना ही पड़ता था. वहीं, अगर कोई हरम से भागने या निकलने की कोशिश करता था तो उसे मौत की सजा मिल जाती थी. ऐसे में कई महिलाओं की जिंदगी चाहरदीवारी में ही गुजर जाती थी.

