Japan Tsunami: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार को 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने सबको हिलाकर रख दिया। खबरों के मुताबिक, भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे था, जिससे कुरील द्वीप समूह पर करीब 4 मीटर (करीब 13 फीट) ऊंची सुनामी लहरें उठीं। इस भूकंप से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा और लोगों को आनन-फानन में सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया। वहीं, अधिकारियों ने इसे दशकों का सबसे भयानक भूकंप बताया है।
वहीं, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इसे अब तक के छह सबसे शक्तिशाली भूकंपों में गिना जाएगा। यह भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 4:54 बजे आया। रॉयटर्स के अनुसार, कामचटका में 4 मीटर ऊंची सुनामी आई है। इस विनाशकारी भूकंप के बाद रूस, जापान और प्रशांत महासागर के द्वीपों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। आइए जानते हैं कि सुनामी क्या होती है, यह क्यों आती है और इसके क्या कारण हैं।
क्या होती है सुनामी?
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि सुनामी एक विशाल समुद्री लहर होती है जो सामान्य समुद्री लहरों से बिल्कुल अलग होती है। यह समुद्र के अंदर किसी बड़ी हलचल के कारण उत्पन्न होती है।
इसके अलावा, “सुनामी” शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है- “सु” जिसका अर्थ है समुद्र तट और “नामी” जिसका अर्थ है लहरें। जब समुद्र के अंदर अचानक और बड़ी हलचल होती है, जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन, तो समुद्र की सतह पर भारी ऊर्जा फैल जाती है।
इससे समुद्र में एक विशाल तूफान पैदा होता है, जो लंबी और बेहद ऊँची लहरों के रूप में प्रकट होता है। ये लहरें बहुत तेज़ी से तटों की ओर बढ़ती हैं और ज़मीन से टकराकर तबाही मचाती हैं। इन्हीं भयानक लहरों को ‘सुनामी’ कहा जाता है।
कैसे आती है सुनामी?
सुनामी आने के मुख्य कारण-
भूकंप: जब ज़मीन की प्लेटें समुद्र की सतह के नीचे टकराती हैं या खिसकती हैं, तो ज़मीन हिलती है। इससे समुद्र का पानी अचानक ऊपर की ओर धकेला जाता है। यह पानी लहरें बनाता है और तेज़ गति से तट की ओर बढ़ता है और सुनामी का निर्माण होता है।
गिरता उल्कापिंड या धूमकेतु (Meteorite Impact): अगर कोई बड़ा उल्कापिंड समुद्र में गिरता है, तो उससे भी बड़ी लहरें उठ सकती हैं। सुनामी के कारणों में यह भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है।
भूस्खलन: जब समुद्र के नीचे या किनारे पर बड़ी मात्रा में चट्टानें या मिट्टी खिसकती है, तो इससे पानी में हलचल पैदा होती है और सुनामी जैसी लहरें उठने लगती हैं।
ज्वालामुखी विस्फोट: जब समुद्र के अंदर ज्वालामुखी फटता है, तो पानी विस्थापित होता है और तेज़ लहरें उठती हैं। ऐसी स्थिति में भी सुनामी आना आम बात है।
कैसे होती है सुनामी को लेकर पहचान?
जब सुनामी आने वाली होती है, तो समुद्र अचानक पीछे हट जाता है और तट पर ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा दिखाई देने लगता है। इसके कुछ ही देर बाद, बहुत बड़ी लहरें आती हैं, जो बहुत तेज़ होती हैं और तटों को तबाह कर सकती हैं।
आपको बता दें कि समुद्र के अंदर सुनामी लहरें 800 किमी/घंटा (यानी हवाई जहाज़ जितनी तेज़) तक की रफ़्तार से चल सकती हैं। तट पर पहुँचने पर उनकी गति धीमी हो जाती है, लेकिन उनकी ऊँचाई और ताकत बढ़ जाती है।

