दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. राजधानी और एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को जहां AQI 362 था, वहीं मंगलवार की सुबह यह बढ़कर 425 पर पहुंच गया. इस खतरनाक हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तुरंत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण (Stage III) को लागू कर दिया है.
GRAP-III का मतलब है कि अब प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े प्रतिबंध और नियम लागू होंगे. इससे पहले GRAP के पहले और दूसरे चरण तब लागू होते हैं जब हवा ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ होती है, लेकिन Stage III तब लागू होता है जब हवा गंभीर श्रेणी (Severe Category) में पहुंच जाती है.
कब लागू होता है GRAP-III?
GRAP Stage III तब लागू होता है जब AQI 401 से 450 के बीच होता है. यह एक आपातकालीन स्तर की योजना है, जिसका उद्देश्य हवा में मौजूद जहरीले कणों को कम करना है. इस दौरान ऐसे कदम उठाए जाते हैं, जिनसे गाड़ियों, फैक्ट्रियों और निर्माण कार्यों से निकलने वाला धुआं कम किया जा सके. CAQM ने आदेश दिया है कि अब सभी एजेंसियां प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन कराएं. बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर वाहनों की सख्त जांच की जाएगी और जो वाहन नियम तोड़ते पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
किन गाड़ियों की एंट्री पर लगा प्रतिबंध?
GRAP-III लागू होते ही अब दिल्ली में कई डीजल और पेट्रोल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. BS-IV डीजल से चलने वाली लाइट मोटर व्हीकल्स (LMV) जैसे कारें और छोटी पैसेंजर गाड़ियां दिल्ली में नहीं चल सकेंगी. इसी तरह BS-III पेट्रोल गाड़ियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS-IV डीजल LCV (लाइट कॉमर्शियल व्हीकल) को भी एंट्री नहीं मिलेगी, जब तक वे जरूरी सामान न ला रहे हों या आपातकालीन सेवाओं से जुड़े न हों.
इसी तरह BS-IV डीजल MGV (मीडियम गुड्स व्हीकल) जो गैर-जरूरी सामान ढो रहे हैं, उन पर भी पूरी तरह रोक है. यहां तक कि BS-III या उससे नीचे के सभी कमर्शियल ट्रक और लोडिंग वाहन, चाहे वे जरूरी सामान ही क्यों न ला रहे हों, दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएंगे. इन वाहनों को दिल्ली बॉर्डर से ही डायवर्ट (divert) किया जा रहा है ताकि प्रदूषण का दबाव राजधानी के भीतर कम हो सके.
किन गाड़ियों को मिली छूट?
हालांकि GRAP-III के तहत सभी गाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं है. कुछ जरूरी और आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी गाड़ियों को छूट दी गई है.
इंटर-स्टेट बसें: अगर वे इलेक्ट्रिक, CNG या BS-VI डीजल इंजन से चलती हैं, तो उन्हें दिल्ली में आने की अनुमति है.
जरूरी सामान ले जाने वाले वाहन: दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV डीजल MGV और LCV जो आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे हैं (जैसे दूध, फल-सब्जी, दवा आदि), उन्हें एंट्री दी गई है.
सरकारी और सेवा वाहन: विकलांग व्यक्तियों के लिए गाड़ियां, अस्पतालों की एंबुलेंस, पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेंसियां, स्वच्छता विभाग और सरकारी कार्यों से जुड़ी गाड़ियां इस बैन से बाहर रखी गई हैं.
प्रदूषण से राहत के लिए सख्त कदम
दिल्ली में प्रदूषण अब सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं रही, बल्कि यह एक स्थायी संकट बन चुका है. हर सर्दी में AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, जिससे स्कूल बंद होने से लेकर निर्माण कार्य तक पर असर पड़ता है. GRAP-III का यह कदम फिलहाल स्थिति को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है. प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि इससे गाड़ियों से निकलने वाला धुआं कम होगा और अगले कुछ दिनों में हवा में थोड़ी राहत मिलेगी.

