अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को इंटरनेट के बराबर एक नई तकनीकी क्रांति बताया है. उन्होंने कहा कि AI आने वाले समय की सबसे बड़ी ताकत बनने जा रही है, जिसे हर कोई अपनाना चाहता है. जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें “AI बबल” यानी AI को लेकर बढ़ा-चढ़ा निवेश या ओवरहाइप से डर नहीं लगता, तो ट्रंप ने बिल्कुल शांत अंदाज में जवाब दिया – “AI की दिक्कत क्या है?”
“AI है सब कुछ, हर कोई चाहता है इसे”
रिपोर्टर ने जब उन्हें समझाया कि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशक AI की संभावनाओं को लेकर जरूरत से ज्यादा उत्साहित हैं, तो ट्रंप ने उस डर को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “हर कोई AI चाहता है क्योंकि यह नया इंटरनेट है. यह नई दुनिया है. यह अब तक की सबसे बड़ी चीजों में से एक है.” ट्रंप ने आगे कहा, “असल समस्या तो तभी है जब आप इसे नहीं अपनाते.” उनका यह बयान साफ दिखाता है कि AI अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का हिस्सा नहीं, बल्कि एक वैश्विक निवेश और इनोवेशन की लहर बन चुका है.
दुनिया में AI को लेकर बढ़ता उत्साह
आज पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है. Google, Microsoft, Meta और OpenAI जैसी बड़ी टेक कंपनियां चैटबॉट्स से लेकर एडवांस चिप्स तक में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं. साथ ही, कई देश अपनी AI नीतियां (AI Policies) तैयार कर रहे हैं ताकि इस तेजी से बढ़ती तकनीक को सही दिशा में इस्तेमाल किया जा सके. AI के आने से न सिर्फ टेक इंडस्ट्री बल्कि हेल्थकेयर, एजुकेशन, मीडिया और बिजनेस सेक्टर में भी बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं.
राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी चर्चा का विषय
ट्रंप का बयान यह भी दर्शाता है कि अब AI केवल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक बहस का मुद्दा बन गया है. अमेरिका में जहां टेक लीडर्स AI के फायदों को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं रेगुलेटर्स (नियामक) इसके संभावित खतरों पर चर्चा कर रहे हैं. AI के ज़रिए डेटा प्राइवेसी, ऑटोमेशन, और फेक न्यूज़ जैसी समस्याओं पर भी बहस जारी है. लेकिन ट्रंप जैसे नेताओं के बयान से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में AI को नजरअंदाज करना लगभग नामुमकिन होगा.
AI – नई तकनीकी क्रांति की शुरुआत
चाहे आप इसे “AI बबल” कहें या “AI रेवोल्यूशन”, एक बात तय है — आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले दशक की सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति बनने जा रही है. ट्रंप के शब्दों में, “AI अब हर चीज की नई शुरुआत है.” जैसे इंटरनेट ने 1990s में दुनिया बदल दी थी, वैसे ही AI अब भविष्य की दिशा तय करने वाला इंजन बन चुका है.

