आज के समय में इंटरनेट हमारी जिंदगी का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा बन गया है. जब भी किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो इसका असर पूरी दुनिया के यूजर्स पर तुरंत पड़ता है. हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहाँ क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) में एक बड़ी तकनीकी खराबी आ गई. इस खराबी के कारण एक्स (पहले ट्विटर), चैटजीपीटी, ग्रोक (Grok), और कैनवा (Canva) समेत कई बड़ी वेबसाइट्स अचानक काम करना बंद हो गईं. यह दिक्कत दोपहर के समय शुरू हुई और तेजी से फैल गई, जिससे दुनिया भर के लाखों लोग प्रभावित हुए. जिन वेबसाइटों का ऑनलाइन बने रहने के लिए क्लाउडफ्लेयर पर निर्भर होना पड़ता है, वे सभी ठप पड़ गईं.
क्लाउडफ्लेयर इतना जरूरी क्यों है? (Why is Cloudflare So Important?)
तकनीकी खराबी झेल रही कई वेबसाइटों को खोलने पर स्क्रीन पर यह मैसेज आ रहा था कि ‘क्लाउडफ्लेयर’ के कारण दिक्कत आ रही है. दरअसल, क्लाउडफ्लेयर आधुनिक इंटरनेट के एक बहुत बड़े हिस्से को शक्ति प्रदान करता है. इसका मुख्य काम वेबसाइटों को उनके यूजर्स तक तेजी से कंटेंट पहुँचाना, उन्हें साइबर हमलों से सुरक्षा देना, और ट्रैफिक अचानक बढ़ जाने पर भी वेबसाइट को ऑनलाइन बनाए रखना है. जब क्लाउडफ्लेयर में कोई समस्या आती है, तो इसका असर केवल एक या दो सेवाओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह बहुत दूर तक फैलता है. इस बार भी यही हुआ; कई अलग-अलग वेबसाइटें एक ही समय में बंद हो गईं. ऐसा ही कुछ पिछली बार AWS (Amazon Web Services) में खराबी आने पर भी देखा गया था.
क्लाउडफ्लेयर कैसे काम करता है? (How Does Cloudflare Work?)
जब कोई वेबसाइट क्लाउडफ्लेयर का उपयोग करना शुरू करती है, तो वेबसाइट का DNS (डोमेन नेम सिस्टम), जो वेबसाइट के पते को IP पते में बदलता है, वह क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क की ओर इशारा करने लगता है. इसका मतलब है कि जब कोई यूजर आपकी वेबसाइट पर जाने की कोशिश करता है, तो वह सीधे आपके वेबसाइट के सर्वर पर जाने के बजाय, पहले क्लाउडफ्लेयर के वैश्विक नेटवर्क से होकर गुजरता है. क्लाउडफ्लेयर वेबसाइट की जरूरी फाइलें, जैसे कि इमेज, CSS फाइलें, और JavaScript की कॉपियाँ, को अपने दुनिया भर में फैले हुए डेटासेंटरों में स्टोर कर लेता है. जब कोई यूजर वेबसाइट खोलता है, तो क्लाउडफ्लेयर उसे सबसे नजदीकी डेटासेंटर से कंटेंट देता है. इससे डेटा को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ती और वेबसाइट बहुत तेजी से लोड होती है, साथ ही DDoS जैसे हमलों से सुरक्षित रहती है.
कंपनी ने इस आउटेज पर क्या कहा? (What Did the Company Say About This Outage?)
शुरुआत में, क्लाउडफ्लेयर ने केवल यह बताया कि उन्हें एक समस्या की जानकारी मिली है और वे उसकी जांच कर रहे हैं, जिसका असर उनके कई ग्राहकों पर पड़ सकता है. हालांकि, उन्होंने तुरंत यह नहीं बताया कि समस्या का असली कारण क्या था या इसे कब तक ठीक किया जाएगा. यह समस्या यूके के समय के अनुसार सुबह 11:30 बजे के आसपास शुरू हुई. कुछ यूजर्स के पेज रिफ्रेश करने पर लोड हो रहे थे, लेकिन अधिकांश यूजर्स को क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क पर ‘इंटरनल सर्वर एरर’ का मैसेज दिखाई दे रहा था, जिसमें उन्हें बाद में दोबारा कोशिश करने को कहा गया था.
Downdetector भी हुआ प्रभावित (Downdetector Was Also Affected)
इस आउटेज की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डाउनडेक्टर (Downdetector) वेबसाइट भी लोड नहीं हो रही थी. डाउनडेक्टर एक बहुत ही लोकप्रिय वेबसाइट है जिस पर लोग यह जानने के लिए जाते हैं कि क्या कोई वेबसाइट डाउन है. लेकिन इस बार, यह खुद भी ठप पड़ गया था क्योंकि यह भी क्लाउडफ्लेयर पर निर्भर है. नतीजतन, लाखों यूजर्स यह भी नहीं जान पा रहे थे कि इस समय दुनिया में और क्या-क्या डाउन चल रहा है.

