ICC Womens ODI World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वनडे विश्व कप जीत ने पूरे देश में उत्साह की लहर दौड़ा दी है. सरकारों से लेकर ब्रांड्स तक, सभी ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराने के बाद महिला टीम की बढ़ती लोकप्रियता का लाभ उठाया है. हालांकि, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने हरमनप्रीत कौर एंड कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें वादा किए गए नकद पुरस्कार या प्रायोजन सौदे नहीं मिलते हैं, तो निराश न हों.
विश्व कप जीत के बाद पुरस्कारों की घोषणा
भारतीय टीम द्वारा पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीतने के बाद से, पुरस्कारों और सम्मानों की घोषणा की गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 51 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है, जो टीम को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से मिलने वाले 40 करोड़ रुपये के पुरस्कार के अतिरिक्त है.
कई राज्य सरकारों ने भी ऋचा घोष, हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, हरलीन देओल जैसी खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार देने का वादा किया है. टीम को पुरस्कृत करने की इस होड़ में, गावस्कर ने टीम को चेतावनी दी है कि कुछ पुरस्कार शायद उन्हें न मिलें. उन्होंने 1983 में भारतीय पुरुष टीम द्वारा विश्व कप जीतने के अपने अनुभव का हवाला दिया.
गावस्कर की चेतावनी
गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा कि लड़कियों के लिए बस एक चेतावनी. अगर वादा किए गए कुछ पुरस्कार आपको नहीं मिलते हैं, तो निराश न हों. भारत में, विज्ञापनदाता, ब्रांड और व्यक्ति जल्दी से इस दौड़ में शामिल हो जाते हैं और विजेताओं के कंधों पर अपना मुफ़्त प्रचार पाने की कोशिश करते हैं. टीम को बधाई देने वाले पूरे पन्ने के विज्ञापन और होर्डिंग पर एक नज़र डालें. जब तक वे टीम और व्यक्तिगत खिलाड़ियों के प्रायोजक नहीं हैं, बाकी लोग केवल अपने ब्रांड या खुद का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं और भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित करने वालों को कुछ नहीं दे रहे हैं.
गावस्कर ने दावा किया कि 1983 पुरुष क्रिकेट विश्व कप विजेता भारतीय टीम से भी ऐसे ही कई वादे किए गए थे, लेकिन उनमें से कुछ कभी पूरे नहीं हुए. गावस्कर ने उन ब्रांडों को भी नहीं बख्शा, जिनके बारे में उनका कहना है कि उन्होंने टीम की विश्व कप जीत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया, और हरमनप्रीत की टीम को सही मायने में मान्यता देने का कोई इरादा नहीं किया.
गावस्कर ने आगे कहा कि 1983 की टीम से भी कई वादे किए गए थे और उस समय मीडिया में खूब कवरेज मिली थी. लगभग सभी वादे कभी पूरे नहीं हुए. मीडिया को दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वे बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने में खुश थे, उन्हें यह एहसास ही नहीं था कि ये बेशर्म लोग उनका भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए लड़कियों, अगर ये बेशर्म लोग तुम्हारी जीत का इस्तेमाल खुद को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं, तो परेशान मत हो.
1983 के खिलाड़ी तुम्हें बताएंगे कि इतने दशकों बाद, एक साधारण भारतीय क्रिकेट प्रेमी का प्यार और स्नेह हमारी सबसे बड़ी दौलत है, और जब आप भी इसे समझ जाएंगी, तो यह आपकी भी दौलत होगी. एक बार फिर हार्दिक बधाई. देश को तुम पर गर्व है. जय हिंद.

