ICC Womens World Cup: 2025 महिला विश्व कप जीत भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण पल है. हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर को नवी मुंबई में जो हासिल किया, उसके बाद देश में महिला क्रिकेट को एक नई ऊंचाई मिलेगी. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि यह जीत यह पैगाम देगी कि अन्य टीमों के दबदबे का दौर खत्म हो गया है. हालांकि, गावस्कर ने महिला टीम की तुलना 1983 की पुरुष विश्व कप विजेता टीम से किए जाने पर एक दिलचस्प टिप्पणी की.
क्या कहा सुनील गावस्कर ने ?
गावस्कर ने स्पोर्टस्टार में लिखा कि कुछ लोग इस जीत की तुलना 1983 में पुरुष टीम द्वारा विश्व कप जीतने से करने की कोशिश कर रहे थे. पुरुष टीम पहले के मुक़ाबलों में कभी भी ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई थी, इसलिए नॉकआउट स्टेज से आगे सब कुछ उनके लिए नया था, जबकि महिलाओं का रिकॉर्ड पहले से ही बेहतर था, क्योंकि इस शानदार जीत से पहले वे 2 बार फाइनल में पहुंच चुकी थीं.
जिस तरह 1983 की जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी, वैसे ही यह जीत दिखाएगी कि जिन देशों ने भारत से पहले महिला क्रिकेट शुरू की थी, उनका दबदबा अब खत्म हो चुका है.
1983 की जीत था टर्निंग प्वाइंट
1983 की जीत ने दिग्गज क्रिकेटरों के माता-पिता को भी अपने बच्चों को इस खेल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया. IPL ने इसे एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया है, और इसीलिए आज की भारतीय पुरुष टीम में सिर्फ़ महानगरों से ही नहीं, बल्कि पूरे देश से खिलाड़ी शामिल हैं.
रविवार को रोमांचक फ़ाइनल में, भारत ने शेफाली वर्मा के 87 (78) रनों और दीप्ति शर्मा की 58 गेंदों पर ताबड़तोड़ पारी की बदौलत 298/7 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. जवाब में, कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट ने 101 (98) रनों की तूफानी पारी खेलकर अकेले दम पर जीत का नेतृत्व किया, जबकि उनकी बाकी साथी खिलाड़ी भारतीय स्पिन आक्रमण के सामने बिखर गईं. प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट दीप्ति शर्मा ने आखिरी झटका दिया और भारत में उत्साह की लहर दौड़ गई.
भारत ने खुशी के इस पल को और बढ़ाने के लिए स्टेडियम के अंदर विजय चक्र लगाया. पूर्व क्रिकेटर झूलन गोस्वामी और मिताली राज भी जीत के जश्न में शामिल हुईं और नम आंखों से प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया. पूर्व भारतीय पुरुष कप्तान रोहित शर्मा भी उस दौरान भावनाओं में बह गए थे.

