Team Selection: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों के चयन और प्लेइंग 11 के चयन के मुद्दे पर बात की है. उन्होंने कहा कि टीम के ड्रेसिंग रूम में पूरी पारदर्शिता है. गंभीर को अक्सर टीम संयोजन को लेकर कठिन फैसले लेने और मैच जिताने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. हाल ही में BCCI को दिए एक इंटरव्यू में, उन्होंने इसे अपने कोचिंग करियर का सबसे कठिन दौर बताया.
गंभीर ने यह भी कहा कि ऐसे समय में खिलाड़ियों के साथ खुला संवाद बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि जब उन्हें पता चलता है कि वे प्लेइंग 11 में शामिल होने योग्य हैं, तो उनका निराश होना स्वाभाविक है. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ऐसे मामलों में ईमानदारी और स्पष्टता बेहद ज़रूरी है.
कोच गंभीर ने क्या कहा?
गंभीर ने कहा कि एक कोच के तौर पर यह शायद मेरे लिए सबसे मुश्किल काम है. यह मेरा सबसे कठिन काम है. कभी-कभी, जब मुझे पता होता है कि बेंच पर बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और हर खिलाड़ी प्लेइंग 11 में जगह पाने का हकदार है, तब भी आपको उस दिन के सटीक कॉम्बिनेशन के आधार पर केवल 11 खिलाड़ियों का चयन करना होता है. लेकिन मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात संवाद और बातचीत है.
उन्होंने आगे कहा कि संवाद बिल्कुल स्पष्ट और ईमानदार होना चाहिए. कभी-कभी ये बातचीत बहुत मुश्किल होती है. जब आप किसी खिलाड़ी से कहते हैं कि वह नहीं खेलेगा, तो यह कोच और खिलाड़ी दोनों के लिए सबसे मुश्किल पल होता है. क्योंकि मुझे पता है कि खिलाड़ी निराश होगा जब उसे पता चलेगा कि वह खेलने का हकदार है. लेकिन अगर आप ईमानदार, स्पष्टवादी और दिल से बात करते हैं, तो खोने के लिए कुछ नहीं बचता.
हाल ही में, गंभीर को संजू सैमसन, कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह जैसे स्टार खिलाड़ियों को बेंच पर बैठाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि टीम का माहौल स्वस्थ बना रहे और खिलाड़ियों के साथ खुला संवाद जारी रहे.
इस बीच, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 मैचों की टी20 सीरीज़ में 2-1 से हराकर गंभीर की कोचिंग में टी20 में टीम का अपराजेय क्रम बरकरार रखा. भारत अब 14 नवंबर से कोलकाता में शुरू होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा.

