Royal Challengers Bengaluru: सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला, जो वैक्सीन और निवेश की वजह से पहले से ही चर्चा में हैं, अब क्रिकेट की दुनिया में भी सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि अगर सही कीमत पर मौका मिले तो RCB एक शानदार टीम है. उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टों पर विराम लगा दिया जिनमें कहा गया था कि पूनावाला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को खरीदने के लिए सबसे आगे हैं. फिलहाल RCB की मालिक कंपनी ‘यूनाइटेड स्पिरिट्स’ है, जो डियाजियो के कंट्रोल में है.
इस चर्चा पर रिपोर्ट करने वाले कई आउटलेट्स का सुझाव है कि डियाजियो RCB के लिए लगभग 2 अरब डॉलर की कीमत के साथ बाजार का जायज़ा ले रहा है. अगर यह आंकड़ा हासिल हो जाता है, तो यह फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट इतिहास की सबसे कीमती सिंगल-टीम एसेट्स में से एक बन जाएगी. इन रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि संभावित बिक्री की देखरेख के लिए ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक सिटी को लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया है.
क्या सच में है 2 अरब डॉलर सही कीमत ?
कुछ विश्लेषकों को यह मांगी गई कीमत उचित लग रही है क्योंकि 2025 में IPL जीतने के बाद RCB के ब्रांड में उछाल आया. हाल ही में हुए IPL मूल्यांकन अध्ययनों के अनुसार, RCB IPL टीम ब्रांड चार्ट में सबसे ऊपर है, जिससे इसकी मांग की कीमत को बल मिलता है. हुलिहान लोकी और अन्य मूल्यांकन अध्ययनों ने इस साल IPL के तेज़ ब्रांड ग्रोथ की ओर इशारा किया है, जिससे यह समझने में मदद मिलती है कि कोई खरीदार इतनी ऊंची कीमत चुकाने पर क्यों विचार कर सकता है.
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यदि यह बिक्री हो जाती है, तो इसका मूल्यांकन हाल ही में बेची गई फ्रैंचाइज़ी लखनऊ सुपर जायंट्स, जिसे RPSG ग्रुप ने 7,090 करोड़ रुपये में खरीदा था, के मूल्यांकन से दोगुने से भी ज़्यादा होगा.
ललित मोदी का विवादित ट्वीट
पूनावाला का संदेश संक्षिप्त और अस्पष्ट था, लेकिन यह सही समय पर आया और इंडस्ट्री की आवाज़ों ने इसे और ज़ोर दिया. पूर्व IPL कमिश्नर ललित मोदी ने सार्वजनिक रूप से सुझाव दिया था कि RCB एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट होगा और यह विचार भी पेश किया था कि ग्लोबल फंड इस फ्रैंचाइज़ी के लिए कतार में खड़े होंगे, जिससे अफ़वाहों को बल मिला.
आज कौन है RCB का मालिक ?
आरसीबी को शुरू में 2008 में विजय माल्या के यूबी ग्रुप ने करीब 111.6 मिलियन डॉलर में खरीदा था. बाद में डियाजियो ने यूनाइटेड स्पिरिट्स में हिस्सेदारी बढ़ाई और 2014 तक वह सबसे ज़्यादा शेयरहोल्डर वाली कंपनी बन गई. इसी वजह से RCB अब डियाजियो के कंट्रोल में है, और अगर टीम बेची जाती है तो यह फैसला यूनाइटेड स्पिरिट्स और डियाजियो के जरिए ही होगा.
आगे क रास्ता
अगर सिटी वाकई में सलाहकार है, तो पहले थोड़ी जांच-पड़ताल होगी और फिर औपचारिक बिक्री की प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें रुचि दिखाने वाले खरीदार, चुने गए बोलीदाता और फाइनल ऑफर शामिल होंगे. मीडिया और मार्केट यूनाइटेड स्पिरिट्स की फाइलिंग और डियाजियो के किसी भी आधिकारिक बयान पर ध्यान से नज़र रखेंगे.
अभी तक डियाजियो, यूनाइटेड स्पिरिट्स या अदार पूनावाला ने अटकलों को खारिज करने के अलावा कोई साफ़ पुष्टि नहीं की है. आगे क्या होगा, यह अंदरूनी मंजूरी और खरीदार की फाइनेंशियल प्लानिंग पर निर्भर करेगा.

