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क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी? क्या है कथा और धार्मिक महत्व जाने यहां

Nag Panchami Kyun Manayi Jaati Hai?  हिंदू पंचांग के अनुसार आज 29 जुलाई को नाग पंचमी त्योहार मनाया जायेगा, लेकिन क्या आप जानते है आखिर नाग पंचमी का त्योहार क्यों मानाया जाता हैं, इसके पीछे की कथा और मान्यता क्या है, अगर नहीं , तो चलिए आज इस लेख में आज हम आपको बताते हैं।

Published by chhaya sharma

Nag Panchami Kyun Manayi Jaati Hai?  हिंदू धर्म में सभी त्योहारों का बेहद महत्व होता है, ऐसे में नाग पंचमी के त्योहार को भी हिंदू धर्म में बेहद खास बताया गया हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार आज 29 जुलाई को नाग पंचमी त्योहार मनाया जायेगा और नागों का संबंध शिव जी से बताया जाता है और ऐसे में सावन के महीने में शिव जी की पूजा के साथ-साथ आज नाग देवता को भी पूजा जायेगा। नाग पंचमी (Nag Panchami 2025) के दिन शिव और नाग देवता की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है, कालसर्प दोष दूर होता है, सर्प भय खत्म होता है, डरावने सपनो से भी मुक्ति मिलती है।लेकिन क्या आप जानते है आखिर नाग पंचमी का त्योहार क्यों मानाया जाता हैं, इसके पीछे की कथा और मान्यता क्या है, अगर नहीं , तो चलिए आज इस लेख में आज हम आपको बताते हैं। 

क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्योहार? (Why Is The Festival Of Nag Panchami Celebrated?)

दरअसल, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी एक ऐसा त्योहार है, जो धर्म, प्रकृति और करुणा का संगम। नागपंचमी का त्योहार न केवल प्राचीन सांस्कृति को दर्शाता है, बल्कि जीवों के प्रति दया की भावना को भी प्रोत्साहित करता है  इसके अलावा पौराणिक मान्यताएं के अनुसार कई धार्मिक कथाएं भी नागपंचमी (Nag Panchami 2025) से जुड़ी है, जैसे एक कथा कथा महाभारत काल की है, जब राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक विशाल सर्प यज्ञ का आयोजन किया था, क्योंकि वह अपने पिता की मृत्यु का बदला लेना चाहते हैं। वहीं, जब इस विशाल सर्प यज्ञ में सभी सर्प जलने लगे, तो नागों की रक्षा के लिए अस्तिक मुनि ने जनमेजय को खूब समझाया और यज्ञ को रोका। कहा जाता है यह घटना श्रावण मास की पंचमी तिथि के दिन हुई थी, इसलिए इस दिन को नागों की रक्षा के लिए समर्पित माना जाता है और नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। 

इसके अलावा पौराणिक मान्यताएं के अनुसार नाग पंचमी (Nag Panchami 2025) से जुड़ी एक और पूरानी कथा है, जो भगवान श्री कृष्ण और कालिया नाग से जुड़ी है। कहा जाता है कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर ही कालिया नाग से भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों की जान बचाई थी और   कालिया नाग से फन पर नृत्य किया, इस दिन के बाद से ही पूरे भारत में नागों की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

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प्रकृति और सांपों से जुड़ाव है नाग पंचमी का संबंध (Nag Panchami Is Related To Nature And Snakes)

नागपंचमी (Nag Panchami 2025) की संबंध सिर्फ धार्मिकता से ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन का महीना बारिश का महीना माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मानसून आता है और बारिश के महीने में सभी सांप जमीन में बने अपने बिलों से बाहर निकल आते है, ऐसे में इंसानों और सांपों के बीच टकराव होने की संभावना रहती है, इसलिए नागपंचमी के दिन सांपों को दूध, चावल और मीठा अर्पित करने का विधान होता है, ताकि वे किसी को कोई नुकसान न पहुंचाएं।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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