Wedding Varmala Rituals Importance: शादी में कई तरह के रस्मे की जाती हैं, जैसे हल्दी, मेहंदी, फेरे और वरमाला. इनमें से वरमाला सबसे अहम और मजेदार रस्म मानी जाती हैं. ये रस्म शादी में आए सभी मेहमानों के दिल को छू लेती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी के दिन वरमाला डालने की रस्म क्यों की जाती है और दुल्हन ही पहले क्यों वरमाला पहनाती है. चलिए जानते हैं यहां इस रस्म के पीछे का रहस्ये
क्यों दूल्हा-दुल्हन पहनाते हैं शादी के दिन एक-दूसरे को वरमाला
शादी के दिन वरमाला पहनाने की रस्म सिर्फ “एक फोटो लेने वाला पल” नहीं है और ना ही लंबे समय से चलती आ रही कोई परंपरा है, बल्कि दूल्हा और दुल्हन की स्वीकार्यता और सम्मान का प्रतीक मानी जाती हैं. इस रस्म में प्रेम, सम्मान और स्वीकार्यता का बेहद खूबसूरत देश छिपा है. कहा जाता है कि इस वरमाला पहनाने की रस्म में दुल्हा-दुल्हन एक दूसरे को दिल से स्वीकार करते है और अपनी सहमति जताते है. जब दुल्हन और दूल्हा एक-दूसरे के गले में माला डालते हैं, तो यह खास पल शादी की शुरुआत माना जाता है.
सबसे पहले दुल्हन ही क्यों पहनाती है वरमाला?
शादी के दिन दूल्हा-दुल्हन को भगवान शिव और माता पार्वती के रूप में पूजा जाता हैा. वरमाला पहनाने की रस्म दुल्हन सबसे पहले वरमाला पहनाती है, क्योंकि शादी के लिए स्त्री की सहमति सबसे अहम मानी जाती है. दुल्हन जब अपने जीवन साथी के यानी दूल्हे के गले में वरमाला डालती है, तो वह यह बताती है कि “मैं तुम्हें अपना जीवनसाथी स्वीकार करती हूं.” -इसके बाद जब दूल्हा वरमाला पहनाता है, तो वह कहता है कि “मैं भी तुम्हें पूरे दिल से अपना जीवन साथी स्वीकार करता हूं.”
पंडितों के मुताबिक वरमाला की रस्म क्यों की जाती है?
पंडितों के अनुसार, शादी के पहले पड़वा में वरमाला इसलिए पहनाई जाती है क्योंकि इस दौरान मंगल और शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव होता है. यही वजह है कि शादी के समय यह रस्म सबसे पहले कीजाती है, ताकि रिश्ता प्रेम, सौभाग्य और खुशियों से भरा रहे.
वरमाला से जुड़ा शुभ संकेत और वैवाहिक जीवन
1. शादी के दिन जब दुल्हन पहले वरमाला पहनाती है, तो यह इस बात का प्रतीक कि वो अपने रिश्ते में प्रेम और समझदारी की शुरुआती खुद से करने वाली है
2. शादी के दिन वरमाला की रस्म आपसी सम्मान और अपनापन मजबूत बनाता है. एक दूसरे को स्वीकार करने की प्रतीक माना जाता है
3. शादी के दिन वरमाला की रस्म से दांपत्य जीवन में भावनात्मक जुड़ाव गहरा होता है.
4. शादी के दिन वरमाला की रस्म का महत्व है कि जैसे भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने रिश्ते को प्रेम और समानता से निभाया, वैसे ही हर जोड़े को उसी भाव अपने वैवाहिक जीवन को निभाए
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