Sawan 2025: सावन का पावन महीना चल रहा है। 24 जुलाई 2025 को भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास दिन माना जा रहा है। इस दिन निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। मगर ध्यान रहे, इस दिन पूजा का समय चुनते वक्त एक गलती बिल्कुल न करें, वरना पूजा का असर कम हो सकता है।
कब करें शिव की पूजा
अगर आप 24 जुलाई को शिवजी की पूजा सुबह करना चाहते हैं तो ध्यान दें कि सुबह 5:37 बजे से दोपहर 3:31 बजे तक भद्राकाल रहेगा। इस समय में कोई भी शुभ काम, पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक या मंत्र जाप नहीं करना चाहिए। यह समय अशुभ माना जाता है।
सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त होता है, यानी सूरज उगने से पहले का समय। उस वक्त माहौल शांत होता है और माना जाता है कि भगवान शिव उस समय जल्दी खुश होते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके, चुपचाप बैठकर शिव का ध्यान करना और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना बेहद शुभ होता है।
कब होते हैं भगवान शिव सबसे करीब
अगर सुबह पूजा न कर पाएं तो निशीथ काल यानी 24 जुलाई की रात 12:07 से 12:48 के बीच भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। इसे मध्य रात्रि अभिषेक कहा जाता है। माना जाता है कि इस समय शिव जी हमारे सबसे करीब होते हैं।
इस समय आप दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं। पूजा के दौरान चुपचाप मन से अपनी मनोकामनाएं शिव को कहें, वो सिर्फ आपकी आवाज नहीं, आपके मन की बातें भी पढ़ते हैं।
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क्या न करें?
भद्राकाल में पूजा या मंत्र जाप न करें।
ब्रह्म मुहूर्त और निशीथ काल में बहुत ज्यादा शोर या बातचीत न करें।
जब आप पूजा में बैठें तब मोबाइल या टीवी का उपयोग न करें।
क्यों खास है 24 जुलाई?
सावन का हर दिन शिव भक्तों के लिए अहम होता है, लेकिन जब पूजा का समय और माहौल दोनों मिल जाएं तो असर और बढ़ जाता है। 24 जुलाई को सही समय पर की गई पूजा जीवन में शांति, मन की स्थिरता और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद ला सकती है।
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