Sathya Sai Baba Teachings: भारत की पवित्र भूमि संतों और महापुरुषों की कर्मभूमि रही है. यहां अनेक संतों ने दिव्य कर्मों और चमत्कारों से मानवता की सही दिशा दिखाई है. इनमें से दो नाम सबसे प्रमुख हैं शिरडी के साईं बाबा और पटुपर्थी के सत्य साई बाबा. दोनों ही अपने-अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं.
सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी
सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में हुआ था. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजसेवा, शिक्षा और मानव कल्याण के कार्यों में समर्पित कर दिया. उनका निधन 24 अप्रैल 2011 को हुआ, लेकिन उनके द्वारा स्थापित आश्रम और संस्थान आज भी मानवता की सेवा कर रहे हैं. उनकी जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. प्रधानमंत्री मोदी 19 नवंबर को पुट्टपर्थी पहुंचें, जबकि राष्ट्रपति मुर्मू 22 नवंबर को समारोह में भाग लेंगी. श्री सत्य साईं जिले में होने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है.
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सत्य साईं बाबा: शिरडी साई बाबा के अवतार माने जाते हैं
सत्य साईं बाबा ने स्वयं कहा था कि वे शिरडी साईं बाबा के पुनर्जन्म हैं. उन्होंने अपने प्रवचनों में बताया कि शिरडी साईं बाबा का उद्देशय लोगों में भक्ति और ईश्वर के प्रति प्रेम को जगाना है, जबकि उनका (सत्य साईं का) उद्देश्य सेवा और शिक्षा के माध्यम से मानवता को उन्नति के मार्ग पर ले जाना है. उनका जीवन भी यही दर्शाता है उन्होंने कई विश्वविद्यालय, अस्पताल, पेयजल परियोजनाएं और सामाजिक संस्थान स्थापित किए. उनके द्वारा शुरू किए गए सत्य साईं संस्थान आज भी लाखों जरूरतमंदों को निःशुल्क चिकित्सा, शिक्षा और भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

