Putrada Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद खास माना जाता है, क्योंकि एकादशी के व्रत का संबंध विष्णु से होता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ती या महिला एकादशी का व्रत रखते है, उसपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विषेश कृपा रहती है और जीवन में उस इंसान को कभी भी जीवन कोई कष्ट नहीं होता और धन की कमी नहीं होती हैं। हर एकादशी का अगल महत्व होता है, वहीं सावन के महीने में पढ़ने वाली एकादशी का बहुत महत्व होता है और अब सावन की दूसरी एकादशी, पड़ रही है, जिसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है जिसका व्रत संतान सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए किया जाता। पुत्रदा एकादशी कब है?, इस सवाल से कई लोग कंफ्यूजन में हैं, तो चलिए जानते हैं, कब है सावन की एकादशी?
पुत्रदा एकादशी कब है? (Putrada Ekadashi Date)
पुत्रदा एकादशी कब है? इस साल यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है, तो हम आपको बता दें कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर लग रही है, जो 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसे में पुत्रदा एकादशी का व्रत 05अगस्त मंगलवाल के दिन को रखा जायेगा और व्रत का पारण अगले दिन 6 अगस्त यानी द्वादशी तिथि पर किया जाएगा।
पुत्रदा एकादशी में पूजा करने का सबसे शुभ महुर्त (Putrada Ekadashi Puja Shubh Muhurat)
- पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त:- सुबह 04 बजकर 20 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 02 मिनट तक
- पुत्रदा एकादशी के दिन अभिजित मुहूर्त:- दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर12 बजकर 54 मिनट तक
- पुत्रदा एकादशी के दिन रवि योग:- सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर 11 बजकर 23 मिनट तक
- पुत्रदा एकादशी के दिन शाम की पूजा का मुहूर्त:- शाम 07 बजकर 09 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक
- पुत्रदा एकादशी के व्रत पारण करने का मुहूर्त:- अगले दिन 6अगस्त 2025 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर 08 बजकर 26 मिनट तक
पुत्रदा एकादशी व्रत क्यों किया जाता है? (Putrada Ekadashi Fast Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का बेहद महत्व होता है, इस व्रत को उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता हैं, जो संतान प्राप्ति की कामना करते हैं। ऐसे में जो कोई भी नि:संतान जोड़ा पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूरे मन और श्रद्धा से पूजा करता है, उसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा एकादशी व्रत करने से सुख, समृद्धि और पारिवारिक एकता को बढ़ाने के लिए भी रखा जाता है। ऐसे में सावन में पड़ रही पुत्रदा एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शंकर का भी आशीर्वाद पा सकते हैं, क्योंकि श्रवण मास यानी सावन का महीना शिव जी की आराधना के लिए बेहद खास होता है। ऐसे में सावन के पवित्र माह में भगवान शिव जी और भगवान विष्णु जी की एक साथ पूजा करना बेहद फलदायी होने वाला है।
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