Vishwakarma Puja: हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। विशेष रूप से बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में यह त्योहार पारंपरिक श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ-साथ पुराने औजार, मशीनें, वाहन और लोहे से बनी वस्तुओं की भी आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर नया वाहन, औजार या मशीन खरीदने से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नई वस्तुओं का उपयोग शुभ फलदायी रहता है।
2025 में विशेष संयोग
इस बार 17 सितंबर को पड़ने वाली विश्वकर्मा पूजा श्राद्ध पक्ष के दौरान मनाई जाएगी। सामान्य तौर पर पितृ पक्ष में नई वस्तुएं, विशेषकर लोहा, जमीन और वाहन खरीदना शुभ नहीं माना जाता। यही कारण है कि इस बार लोग उलझन में हैं कि विश्वकर्मा पूजा जैसे शुभ दिन पर वाहन खरीदना सही रहेगा या नहीं।
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क्या करें और क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तर्पण और दान को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दौरान नई वस्तुओं की खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है। यदि कोई व्यक्ति इस दिन नया वाहन या कोई बड़ी वस्तु खरीदना चाहता है, तो पहले पितरों को तर्पण और दान देकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और खरीदी गई वस्तु पर भी उनकी कृपा बनी रहती है।

