Margashirsha Amavasya 2025: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितरों का पिंड दान और तर्पण किया जाता है. मार्गशीर्ष अमावस्या साल 2025 में 20 नवंबर, गुरुवार के दिन पड़ रही है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, दान करना, पिंड दान करना, तर्पण करना बहुत फलदायी माना गया है.
हर साल मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि नवंबर या दिसंबर माह में पड़ती है. इस अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 तिथि (Margashirsha Amavasya 2025 Tithi)
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 19 नवंबर को सुबह 9.43 मिनट पर प्रारंभ होगी.
जिसका समापन 20 नवंबर को दोपहर 12.16 मिनट पर होगा.
उदयातिथि होने के कारण मार्गशीर्ष अमावस्या या अगहन अमावस्या 20 नवंबर, 2025 गुरुवार के दिन पड़ रही है. इस दिन स्नान, दान का विशेष महत्व है.
साथ ही मार्गशीर्ष माह की दर्श अमावस्या 19 नवंबर के दिन पड़ रही है.
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पीपल के पेड़ की पूजा-
पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना गया है. इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह पीपल के पेड़ की जड़ पर जल अर्पित करें. साथ ही शाम के समय पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
पशु-पक्षियों की सेवा-
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए गाय, कुत्ते, कौवे और चिटियों को भोजन कराएं. इस काम को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और कष्टों का निर्वाण होता है और पितृ प्रसन्न होते हैं.
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