Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज केवल एक उपवास नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने और सुखी वैवाहिक जीवन का संकल्प है। मान्यता है कि इस व्रत को पूरे श्रद्धा और नियम से करने वाली स्त्रियों पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा बनी रहती है। खासकर नई बहुओं के लिए यह तीज बेहद अहम मानी जाती है। अगर वे पूजा-पाठ के नियमों का सही तरह से पालन करें तो दांपत्य जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता।
हरतालिका तीज का महत्व
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती ने इसी दिन कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। तभी से यह व्रत अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए रखा जाने लगा। विवाहित महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत करती हैं, श्रृंगार करती हैं, मेहंदी रचाती हैं और रातभर भजन-कीर्तन कर जागरण करती हैं।
हरतालिका तीज 2025 की तारीख और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 25 अगस्त 2025 को दोपहर 1:16 बजे होगी और इसका समापन 26 अगस्त को दोपहर 3:42 बजे होगा। उदया तिथि को मानते हुए यह व्रत मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को ही रखा जाएगा। पूजा का शुभ समय सुबह 5:56 से 8:31 बजे तक रहेगा।
नई बहुएं इन गलतियों से जरूर बचें
काले कपड़े न पहनें – तीज पर काला रंग अशुभ माना जाता है। इस दिन हरे, लाल, पीले जैसे मंगलकारी रंगों का ही प्रयोग करें।
पति से विवाद न करें – इस दिन झगड़ा या बहस घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। शांत और सुखद वातावरण बनाए रखना बहुत जरूरी है।
मांग खाली न रखें – विवाहित स्त्रियों के लिए मांग में सिंदूर का होना शुभ माना जाता है। इस दिन खाली मांग रखना अशुभता का प्रतीक है।
पूजा अधूरी न छोड़ें – हरतालिका तीज की पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की उपासना करनी चाहिए। इनमें से किसी की अनदेखी करने पर व्रत अधूरा रह जाता है।
रात को न सोएं – इस व्रत पर जागरण करना और शिव-पार्वती के भजन करना बेहद शुभ माना गया है। रात्रि जागरण से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
व्रत तोड़ते समय तामसिक भोजन से बचें – पारण के समय केवल फलाहार या सात्विक भोजन ही करना चाहिए। प्याज, लहसुन और मांसाहार जैसी चीजें इस दिन नहीं खाना चाहिए।

