Categories: धर्म

Chhath 2025 Koshi Puja: छठ पूजा में संध्या अर्घ्य के दिन क्यों भरी जाती है कोसी? जानें इसका क्या है महत्व

Chhath Puja 2025: आज छठ महापर्व में संध्या अर्घ्य का दिन है. आज शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. संध्या अर्घ्य के अवसर पर कोसी भरी जाती है. तो आइए जानते हैं कि संध्या अर्घ्य के अवसर पर कोसी क्यों भरी जाती है?

Published by Shivi Bajpai

Chhath 2025 Koshi Puja: लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है. आज यानी 27 अक्टूबर को छठ का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य है. इस पर्व में महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती है. जिसका पारण 28 अक्टूबर यानी कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाएगा. आज छठ महापर्व मे संध्या अर्घ्य का दिन है. आज शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. संध्या अर्घ्य के अवसर पर कोसी भरी जाती है. तो आइए जानते हैं कि इस दिन कोसी क्यों भरी जाती है? तो आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि और महत्व.

कोसी क्या होती है?

कोसी छठ पूजा की एक विशेष परंपरा है. जिसमें गन्नों से छतरीनुमा संरचना बनाई जाती है, जिसके बीच में मिट्टी का हाथी और कलश रखा जाता है. इसमें प्रसाद और पूजा की सामग्री रखी जाती है. कोसी छठ पूजा के तीसरे दिन यानी संध्या अर्घ्य के समय भरी जाती है.

Related Post

क्यों भरी जाती है कोसी?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कोसी भरना आस्था का प्रतीक माना जाता है. जब भक्तों की कोई मनोकामना पूरी होती है, तो वे अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए छठी मैय्या से प्रार्थना करते हैं.

कोसी का महत्व

कोसी के घेरे को पारिवारिक एकता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. जबकि गन्नों से बनी छतरी छठी मैय्या की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक कही जाती है. ये पूजा महिलाओं की आस्था को दर्शाती है. इस पूजा को करने से परिवार में सुख-शांति आती है.

Chhath Puja Sandhya Arghya Puja Niyam: छठ पर्व के तीसरे दिन क्यों दिया जाता है संध्या अर्ध्य, जानें इसके नियम और महत्व

कोसी भरने की विधि क्या है?

  • पूजा के लिए सबसे पहले एक सूप या टोकरी सजाई जाती है.
  • उसके चारों ओर 5 या 7 गन्ने खड़े किए जाते हैं और छतरीनुमा संरचना बनाई जाती है.
  • ये संरचना जल, पृथ्वी, अग्नि, वाय और आकाश का प्रतीक मानी जाती है.
  • टोकरी के भीतर मिट्टी के हाथी पर सिंदूर लगाया जाता है और उसके ऊपर घड़ा भी बना रहता है.
  • घड़े और हाथी के ऊपर 12 दीये रखे जाते हैं.
  • सभी दीयों को घी और बत्ती डालकर जलाया जाता है.
  • ये 12 मास और चौबीस घड़ी का प्रतीक कही जाती है.

Chhath Puja Sandhya Arghya Muhurat: छठ पूजा का तीसरा दिन आज, बनेगा रवि योग जानें कब देना चाहिए डूबते सूर्य को अर्घ्य

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

Shivi Bajpai

Recent Posts

Delhi Police Constable Exam 2025: एडमिट कार्ड चाहिए तो तुरंत करें ये काम! वरना हो सकते हैं परेशान

SSC दिल्ली पुलिस परीक्षा 2025: सेल्फ-स्लॉट सिलेक्शन विंडो शुरू, Constable (कार्यकारी, ड्राइवर) और Head Constable…

December 5, 2025

बॉलीवुड मगरमच्छों से भरा…ये क्या बोल गईं दिव्या खोसला, T-Series के मालिक से तलाक पर भी तोड़ी चुप्पी

Divya Khossla News: दिव्या खोसला हाल में ऐसा स्टेटमेंट दिया है, जो बॉलीवुड के फैंस…

December 5, 2025

5 से 15 दिसंबर के बीच यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खबर! IndiGo दे रहा रिफंड, ऐसे करें अप्लाई

IndiGo Operationl Crisis: IndiGo 500 उड़ानें रद्द! 5 से 15 दिसंबर के बीच यात्रा करने…

December 5, 2025

Shani Mahadasha Effect: शनि की महादशा क्यों होती है खतरनाक? जानें इसके प्रभाव को कम करने के उपाय

Shani Mahadasha Effects: शनि को न्याय का देवता और कर्मों का फल देने वाला ग्रह…

December 5, 2025

DDLJ के हुए 30 साल पूरे , लंदन में लगा ऑइकोनिक ब्रॉन्ज स्टैच्यू, फोटोज हुईं वायरल

DDLJ Completes 30 Years: फिल्म DDLJ के 30 साल पूरे होने पर लंदन के लीसेस्टर…

December 5, 2025