Akhuratha Sankashti 2025 Date: हिंदू धर्म में हर पर्व और त्योहार का अपना अलग और विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी व्रत किया जाता है.
हर माह में संकष्टी व्रत रखा जाता है. हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के लिए संकष्टी तिथि पर व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है. पौष माह में इस व्रत को अखुरथ संकष्टी के नाम से जाना जाता है.
अखुरथ संकष्टी के दिन भगवान गणेश के अखुरथा रूप की पूजा-अर्चना की जाती है. अखु का अर्थ है मूषक तथा रथा का अर्थ है रथ वाला अर्थात् अखुरथा गणेश का अर्थ है मूषक के रथ वाले भगवान गणेश.भगवान गणेश का यह स्वरूप अत्यन्त अत्यन्त शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है.\
अखुरथ संकष्टी 2025 तिथि (Akhuratha Sankashti Tithi)
- चतुर्थी तिथि की शुरुआत 7 दिसंबर 2025 को शाम 06:24 मिनट पर होगी.
- चतुर्थी तिथि का अंत 8 दिसंबर 2025 को शाम 04:03 मिनट पर होगा.
- इस कारण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 दिसंबर, रविवार के दिन रखा जाएगा.
- इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 55 मिनट रहेगा.
एक कथा के अनुसार प्राचीन काल में वानरराज बालि द्वारा बन्धक बना लिये जाने की उपरान्त लंकापति रावण ने अपने नाना पुलस्त्य मुनि के कहने पर यह श्रेष्ठ व्रत किया था. इस व्रत के फलस्वरूप रावण बन्धन मुक्त हुआ था. द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर धर्मराज युधिष्ठिर ने भी यह व्रत किया जिसके प्रभाव से उन्हें उनके राज्य की पुनः प्राप्ति हुयी थी. इस व्रत को बहुत लाभकारी माना गया है.
इस व्रत को करने से सभी बाधाओं का नाश होता है और काम में सफलता मिलती. साथ ही भगवान गणेश का आशीर्वाद सदैव बना रहता है.
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