Udaipur Janna Hospital Two Newborn Case: राजस्थान के उदयपुर जनाना अस्पताल से बेहद ही अजब-गजब घटना सामने आई है. जहां, अस्पताल में नवजात शिशुओं की अदला-बदली के विवाद ने हर किसी को हैरान कर दिया. गहन जांच के बाद आखिरकार अस्पताल प्रशासन ने नवजात शिशुओं को उनकी असली माताओं को सौंप दिया है.
मामले का कैसे हुआ समाधान?
एमबी हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ.आरएल सुमन ने घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि गहन जांच और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही नवजात और उनकी माताओं की पहचान कर ली गई है. मीरा नगर निवासी अनिता रावत को उनकी बेटी सौंपी गई है बल्कि चित्तौड़गढ़ निवासी रामेश्वरी सोनी को उनका बेटा सौंप दिया गया है.
कैसे हुआ पहचान का आधार?
महिला डॉक्टर सुमन ने घटना पर बताया कि नवजातों की पहचान के लिए सबसे पहले दोनों बच्चों के ब्लड ग्रुप, दोनों प्रसूताओं की सोनोग्राफी रिपोर्ट, नवजात के जन्म की तारीख, समय और साथ ही अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों की गहनता से जांच की गई, जिससे असली माताओं की पुष्टि हो पाई है. संतुष्टि के बाद दोनों परिवार बच्चे लेने के लिए पूरी तरह से अंत में सहमत हो गए.
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
यह विवाद बुधवार को तब शुरू हुआ जब अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (OT) में आधे घंटे के अंतराल में दो महिलाओं की डिलीवरी हुई, जिनमें से एक ने बेटे को और दूसरी ने बेटी को जन्म दिया. तो वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल स्टाफ ने गलती से बेटे के जन्म की सूचना बेटी के परिवार को और बेटी के जन्म की सूचना बेटे के परिवार को दे दी थी. बस फिर क्या था इस गलती के सामने आने पर दोनों परिवार नवजात बदलने से इनकार करते हुए अस्पताल परिसर में जोरदार हंगामा किया.
तो ऐसे होगी आगे की कार्रवाई
अस्पताल ने पुष्टि के लिए दोनों नवजातों का डीएनए टेस्ट भी कराया है, जिसकी रिपोर्ट के लिए 15 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
इस लापरवाही की जांच के लिए आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर के कड़े निर्देश पर एक जांच कमेटी गठित की गई है. यह जांच कमेटी गलती के पीछे के कारणों का पता लगाएगी, जिसके बाद दोषी कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

