National Park : भारत के तीसरे सबसे बड़े नेशनल पार्क में गिना जाने वाला नमदाफा नेशनल पार्क अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित है. ये जगह अपनी नेचुरल सुंदरता और जैव विविधता के लिए फेमस है. लगभग 1985 वर्ग किलोमीटर में फैला ये पार्क पूर्वी हिमालय का सबसे बड़ा प्रोटेक्टेड एरिया माना जाता है.
नमदाफा नेशनल पार्क अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित है और ये तवांग से लगभग 459 किलोमीटर दूर है. ये पार्क पटकाई रेंज और दाफा बुम रेंज (मिश्मी हिल्स) के बीच बसा है. यहां करीब 425 प्रजातियों के पौधे और जीव-जंतु पाए जाते हैं. 1972 में इसे वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी घोषित किया गया था, जबकि 1983 में इसे नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया.
नेचर लवर्स के लिए खास जगह
नमदाफा नेशनल पार्क की सबसे खास बात ये है कि यहां कैंपिंग की अनुमति दी जाती है, जो देश के कुछ ही नेशनल पार्क्स में संभव है. जंगल के अंदर बने कई कैंप साइट्स नेचर लवर्स और वन्यजीव प्रेमियों के बीच बेहद फेमस हैं. यहां के कुछ फेमस कैंप साइट्स हैं –
गिबन लैंड (10वां मील)
हल्दीबाड़ी
हॉर्नबिल कैंप
रानी झील
फर्मबेस कैंप
इन कैंपों से पार्क के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं. कुछ जगहें पक्षी प्रेमियों के लिए आदर्श हैं, जबकि कुछ जगहें जंगली जानवरों को देखने के लिए मशहूर हैं.
ऊंचाई के साथ बदलता नजारा
इस पार्क की सबसे बड़ी खासियत है इसका भूगोल और जलवायु का विविध रूप. निचले हिस्सों में जहां ट्रॉपिकल जंगल हैं, वहीं ऊपर चढ़ते ही पाइन वन, टेंपरेंट जंगल, अल्पाइन घास के मैदान और अंत में बर्फ से ढकी चोटियां दिखाई देती हैं. पार्क की सबसे ऊंची चोटी दाफा बुम रिज (4,571 मीटर) है, जो ज्यादातर साल बर्फ से ढकी रहती है.
यहां के मेन वन्यजीव
नमदाफा नेशनल पार्क में कई दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती हैं. यहां स्नो लेपर्ड, क्लाउडेड लेपर्ड, टाइगर, रेड पांडा, भालू, धोल, भेड़िए, स्लो लोरिस, हूलॉक गिबन, कैप्ड लंगूर और मकाक बंदर आम हैं. यहां की सबसे खास प्रजाति है नमदाफा फ्लाइंग स्क्विरल, जो दुनिया में केवल यहीं पाई जाती है.
ये पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं. यहां रुफस-नेक्ड हॉर्नबिल, ग्रीन कोकोआ, स्नोई-थ्रोटेड बैबलर, पर्पल कोकोआ और ब्यूटीफुल नटहैच जैसी दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं. यहां पर अगर घूमना चाहते हैं तो अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर का महीना खास है.
ठहरने और खाने की व्यवस्था
नमदाफा पार्क के भीतर और आसपास सरकारी सर्किट हाउस, फॉरेस्ट रेस्ट हाउस, टूरिस्ट लॉज और हॉस्टल की व्यवस्था है. देबन (मियाओ से 26 किमी दूर) में पर्यटकों के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है मियाओ के छोटे-छोटे ढाबों में मोमोज, नूडल्स और स्थानीय व्यंजन भी मिलते हैं. हालांकि, जंगल में जाने वालों को जरूरी अनुमति (इनर लाइन परमिट) लेनी होती है और अपने साथ हल्का, आसानी से पकाया जा सकने वाला खाना रखना चाहिए.

