Tips to Choose Fresh Onion: प्याज हमारे रोजमर्रा के खाने का एक अहम हिस्सा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर प्याज को सही तरीके से न चुना जाए या न रखा जाए, तो ये हमारे घर में बीमारियां फैला सकता है? इसलिए प्याज लाते समय और इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
सही प्याज की पहचान करें
बाजार से प्याज लेते समय सबसे पहले उसकी डंठल (स्टेम) पर ध्यान दें. जिस प्याज की डंठल लंबी और सीधी होती है, वो ताजा प्याज माना जाता है. वहीं, जिसकी डंठल अंदर की ओर झुकी हुई या बैठी हुई लगती है, वो सड़ी या गलने वाला प्याज होता है. ऐसे प्याज से बचना चाहिए क्योंकि ये खाने लायक नहीं होती और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.
प्याज में फफूंदी की पहचान
अक्सर प्याज को घर में रखने रखने या दुकानदार के पास गलत तरीके से रखने के कारण उस पर काली फफूंदी (ब्लैक फंगस) लग जाती है. ये फफूंदी बहुत खतरनाक होती है और शरीर में जहर की तरह असर कर सकती है. बाहर से प्याज भले ही ठीक लगे, लेकिन जब आप उसकी परतें हटाते हैं, तो अंदर एक काला पाउडर जैसा पदार्थ दिख सकता है यही काली फफूंदी होती है.
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फफूंदी लगी प्याज का उपयोग न करें
ऐसी प्याज को कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए. अगर प्याज पर फफूंदी दिखाई दे, तो उसकी 2–3 परतें निकाल दें और फिर उसे अच्छी तरह धोकर केवल पकाकर ही उपयोग करें. कच्ची प्याज खाने से शरीर में संक्रमण, उल्टी या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
प्याज को सही तरीके से रखें
प्याज को हमेशा सूखी और हवादार जगह पर रखें. इसे नमी वाली जगह पर रखने से फफूंदी जल्दी लग सकती है. कोशिश करें कि प्याज को प्लास्टिक की थैली में न रखें, बल्कि जालीदार टोकरी या खुली टोकरी में रखें ताकि हवा आती-जाती रहे.
सफाई का ध्यान रखें
प्याज छूने या उसकी परतें हटाने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं. इससे फफूंदी के कीटाणु हाथों के जरिए खाने या शरीर में नहीं जाएंगे.
थोड़ी सी सावधानी रखकर हम अपने परिवार को प्याज से जुड़ी बीमारियों से बचा सकते हैं. हमेशा ताजा प्याज चुनें, फफूंदी लगी प्याज से बचें, और सफाई का ध्यान रखें यही अच्छी सेहत की कुंजी है.

