Wedding Planning: हमारे देश में शादी सबसे खर्चीला कार्यक्रम माना जाता है. अक्सर लोग दिखावे के चक्कर में शादी में पानी की तरह पैसा बहा देते हैं. इंडिया लेड्स द्वारा हाल में किए गए सर्व में पाया गया कि, भारत में लोन लेकर शादी करना बहुत ही आम बात है. इस सर्वे के आंकड़े कहते हैं, हमारे देश में 26 प्रतिशत दुल्हा-दुल्हन शादी के खर्चों के लिए लोन लेते हैं. इनमें से कई लोग शादी केवल एक कार्यक्रम के लिए 1 लाख से पांच लाख का लोन लेते हैं. लेकिन अगर आप थोड़ी समझदारी के साथ प्लानिंग करें तो आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. तो आइए जानते हैं शादी की प्लानिंग के 5 बेस्ट तरीके:
शादी की प्लानिंग के ये तरीके हैं बेस्ट
बजट निर्धारित करें
एक अच्छी प्लानिंग के लिए सबसे पहला स्टेप होता है कि आप बजट को निर्धारित करें. आप एक कॉपी पेन लेकर बैठे और शादी से जुड़ी सारी मुख्य चीजें जैसे आयोजन स्थल, खानपान, उपहार, सजावट, पोशाकें, फोटोग्राफी इन सभी चीजों के बारे में लिखें और इन पर कितना खर्च आ सकता है उस बारे में भी लिखें.
जरूरत के मुताबिक करें खर्च
आप सबसे पहले अलग-अलग चीजों का बजट निर्धारित करें. फिर इसके बाद आप ये डिसाइड करें कि इनमें से सबसे जरूरी चीज़ आपके लिए क्या है उस हिसाब से पैसे को डिवाइड करें. ध्यान रखें शादी में गैर जरूरी चीजों को इस लिस्ट में एड न करें. शादी के लिए आप खूबसूरत पर आलीशान आयोजन स्थल न चुनें. आलीशान कार से एंट्री लेने की जगह आप सामान्य कार का भी चुनाव कर सकते हैं. शादी के कार्ड में व्यर्थ में पैसा न बर्बाद करें. इसलिए सिंपल और सुंदर कार्ड ही बनवाएं.
बचत पर भी ध्यान दें
शादी के 1 साल पहले से बचत शुरू करें. इससे ये होगा कि कई सारे खर्चों का भुगतान आप स्वयं कर सकते हैं. इससे आपके ऊपर आर्थिक तनाव नहीं होगा. अपने खर्चों को एक एक्सल शीट या गुगल डॉक्यूमेंट में नोट करें. इससे आपको सारे खर्चें याद रहेंगे.
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व्यवस्थित रूप से करें तैयारी
शादी की तारीख तय हो जाने पर तैयारियां शुरू कर दें. कपड़े से लेकर सजावट तक हर चीज का पूरा ध्यान रखें. फुटवियर, ज्वेलरी, मेकअप और परफ्ययूम पहले से खरीदकर रख लें.
तैयार रखें इमरजेंसी फंड
अपने बजट का 5 से 10 प्रतिशत हमेशा उस खर्च के लिए रखे जो अचानक से आ सकते हैं. उदाहरण के लिए आखिरी समय पर आपकी कार बुकिंग कैंसल हो सकती है. इसके लिए आपको नई कार के लिए ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है. तो आप उस वक्त किसी तनाव में न आएं इसलिए इमरजेंसी फंड काफी जरूरी है.

