Pet Parenting India: कभी पालतू जानवर घर की सुरक्षा या टाइमपास के लिए रखे जाते थे. लेकिन, आज बात कुछ और है। अब पेट्स परिवार का हिस्सा बन चुके हैं. जैसे बच्चे, दोस्त या इमोशनल सपोर्ट सिस्टम होता है ठीक वैसे. भारत में ये बदलाव तेजी से देखने को मिल रहा है, जिसे अब लोग ‘Pet Parenting’ कहते हैं.
पेट पैरेंटिंग का मतलब सिर्फ डॉग या कैट पालना नहीं, बल्कि उन्हें अपनी फैमिली की तरह ट्रीट करना है. उनका जन्मदिन मनाना, उनके लिए कपड़े और ट्रीट्स खरीदना, और यहां तक कि उन्हें ट्रिप्स पर साथ ले जाना.
भारत में पेट ट्रेंड का ग्राफ
पिछले कुछ सालों में भारत में इस ट्रेंड का ग्राफ तेजी से ऊपर गया है. महामारी के बाद जब लोग घरों में सीमित हो गए थे, तो बहुतों के लिए पेट्स ही उनके सबसे बड़े साथी बन गए. यही वजह है कि अब मिलेनियल्स और यंग कपल्स बच्चों की बजाय पेट अपनाने लगे हैं.
तो आखिर क्यों बढ़ रहा है पेट पैरेंटिंग का चलन?
• Emotional Connection: आज की लाइफस्टाइल में लोगों के पास वक्त कम है, लेकिन प्यार की जरूरत उतनी ही है. पेट्स वो खालीपन भरते हैं.
• No Long-Term Pressure: बच्चों की तुलना में पेट्स कम जिम्मेदारी वाले साथी हैं. ना स्कूल की चिंता, ना फीस की.
• Mental Health Factor: कई रिसर्च में पाया गया है कि पेट्स के साथ रहने से तनाव और अकेलापन काफी कम होता है.
• Financial Independence: अब युवा कम उम्र में आर्थिक रूप से सक्षम हो रहे हैं, जिससे पेट्स पर खर्च करना आसान हो गया है.
मेट्रो शहरों में पेट कैफे, पेट स्पा और पेट डेकेयर जैसी सुविधाएं आम हो चुकी हैं. इंस्टाग्राम पर भी ‘Pet Influencers’ की पूरी एक दुनिया है. जिनके फॉलोअर्स लाखों में हैं. कुल मिलाकर, अब भारत में प्यार और पैरेंटिंग की परिभाषा बदल रही है. इंसान और जानवर के बीच ये रिश्ता सिर्फ पालतू नहीं, बल्कि प्योर कनेक्शन बन चुका है. जो शायद आने वाले वक्त में नए परिवारों का चेहरा तय करेगा.

