Muhurat Cesarean Delivery: आजकल शहरों में एक नया ट्रेंड काफी देखने को मिल रहा है- मुहूर्त सिजेरियन (Muhurat Cesarean). इसमें बच्चे की डिलीवरी डॉक्टर की सलाह या नेचुरल टाइम पर नहीं, बल्कि ज्योतिषी (Astrology) द्वारा बताए गए शुभ समय पर कराई जाती है. यानी ऑपरेशन की डेट और टाइम तय करने से पहले देखा जाता है कि उस वक्त ग्रह-नक्षत्र कैसे हैं.
मां-बाप का मानना है कि अगर बच्चा सही लग्न या नक्षत्र में पैदा होगा तो उसका भविष्य ज्यादा अच्छा और भाग्यशाली होगा. इस वजह से कई परिवार बच्चे की डिलीवरी के लिए पहले से ज्योतिषी से सलाह लेकर शुभ समय चुनते हैं.
क्यों बढ़ रहा है ये ट्रेंड?
• भारत में ज्योतिष पर लोगों का गहरा विश्वास है.
• परिवार के बुजुर्ग और दादा-दादी अक्सर शुभ समय तय करने की सलाह देते हैं.
• आजकल अस्पतालों में पहले से ऑपरेशन की प्लानिंग करना आसान हो गया है.
• सेलिब्रिटीज़ और बड़े लोग भी ऐसा करते हैं, जिससे आम लोग भी इस रास्ते पर चलने लगते हैं.
फायदे
डॉक्टर और परिवार पहले से पूरी तैयारी कर लेते हैं.
सबको लगता है कि बच्चा अच्छे समय पर जन्म ले रहा है.
परिवार को मानसिक शांति मिलती है.
नुकसान
कभी-कभी बच्चे को तैयार होने से पहले ही बाहर लाना पड़ता है, जिससे हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है.
मां की रिकवरी मुश्किल हो सकती है.
नेचुरल डिलीवरी का मौका कम हो जाता है.
यह पूरी तरह ज्योतिष पर आधारित है, साइंटिफिक तौर पर साबित नहीं.
बच्चे का जन्म बड़ी खुशी
आखिरकार, बच्चे का जन्म अपने आप में एक बड़ी खुशी है. चाहे वह नेचुरल डिलीवरी से हो या फिर मुहूर्त देखकर सी-सेक्शन से, सबसे अहम बात यही है कि मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें. लोग भले ही शुभ समय पर ज्यादा भरोसा करते हों, लेकिन असली शुभता तो तभी है जब नए जीवन की शुरुआत सेहत और खुशी के साथ हो.

