आजकल बाजार में मिलने वाली मेहंदी में केमिकल मिलावट की समस्या काफी आम हो गई है। ये न केवल त्वचा पर एलर्जी और रूखापन जैसी समस्याएं उत्पन्न करती है, बल्कि कई बार गंभीर स्किन इरिटेशन का कारण भी बनती हैं। खासकर सावन के पावन महीने में जब महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाने की परंपरा निभाती हैं, तब इस बात को लेकर चिंता बढ़ जाती है कि बाजार की मेहंदी से नुकसान न हो। ऐसे में महिलाएं मेहंदी लगाने से पहले कई बार सोचने पर मजबूर हो जाती हैं।
सावन का महीना भारतीय संस्कृति में बहुत ही खास माना जाता है। इस महीने में हाथों में मेहंदी लगाना सिर्फ सौंदर्यवर्धक नहीं बल्कि एक शुभ कार्य भी माना जाता है। परंतु मेहंदी केमिकल फ्री और प्राकृतिक हो तो ही उसका सही फायदा मिलता है। इसलिए आज हम आपको घर पर ही केमिकल फ्री, शुद्ध और प्राकृतिक मेहंदी पाउडर बनाने का तरीका बताएंगे।
घर पर बनाएं केमिकल फ्री मेहंदी पाउडर: आसान स्टेप्स
स्टेप 1: पत्तियों की सफाई
सबसे पहले ताजी और पूरी तरह हरी मेहंदी की पत्तियां चुनें। सूखे या खराब पत्तों का इस्तेमाल न करें। इन पत्तियों को एक बड़े बर्तन में लेकर ठंडे पानी से 2-3 बार अच्छी तरह धोएं ताकि उनमें से धूल, मिट्टी और कीटाणु पूरी तरह निकल जाएं। यह कदम बहुत जरूरी है क्योंकि पत्तियों की शुद्धता सीधे मेहंदी की क्वालिटी पर असर डालती है।
स्टेप 2: पत्तियों को सुखाना
धोने के बाद पत्तियों को सूती कपड़े या साफ अखबार पर फैलाएं। ध्यान रखें कि इन्हें तेज धूप में सुखाने से बचाएं, क्योंकि तेज धूप से मेहंदी की रंगत पड़ जाती है और उसकी खुशबू भी कम हो जाती है। साथ ही पत्तियों को छायादार जगह पर 3 से 4 दिनों तक सुखाएं, जब तक की वह पूरी तरह सूख न जाएं।
स्टेप 3: पत्तियों को पीसकर पाउडर बनाना
जब पत्तियां अच्छी तरह सूख जाएं, तब उन्हें मिक्सर या ग्राइंडर में डालकर बारीक पीस लें। इस दौरान आप चाहें तो मेहंदी में नीम की सूखी पत्तियां भी मिला सकते हैं, जो एंटी-बैक्टीरियल गुण प्रदान करती हैं और स्किन के लिए फायदेमंद होती हैं। पीसे हुए पाउडर को महीन छलनी से छान लें ताकि कोई मोटे टुकड़े न रहें।
स्टेप 4: सुरक्षित स्टोर करना
तैयार पाउडर को एक एयरटाइट कंटेनर में भरें ताकि उसमें नमी न जाए। पाउडर को फ्रेश बनाए रखने के लिए कंटेनर में 2-3 लौंग के टुकड़े डालें, जो कीटाणुओं से बचाव करते हैं। कंटेनर को सूखी, ठंडी और अंधेरी जगह पर रखें। इस तरह से बनी मेहंदी 6 से 8 महीने तक सुरक्षित और उपयोगी रहती है।
क्यों चुनें घर की बनी मेहंदी?
बाजार में मिलने वाली मेहंदी में केमिकल्स का इस्तेमाल त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है। खासकर संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इससे खुजली, जलन और लाल चकत्ते जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं घर की बनी मेहंदी पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित होती है। इसका रंग गहरा होता है और इसका इस्तेमाल स्किन एलर्जी का खतरा कम करता है।
सावन के इस पावन महीने में अगर आप अपने हाथों को खूबसूरती और सुरक्षा दोनों देना चाहती हैं तो घर पर मेहंदी बनाना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे आप केमिकल से बचाव तो कर ही सकेंगी साथ ही प्राकृतिक खुशबू और रंग का आनंद भी ले सकेंगी।
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