इंटरमिटेंट फास्टिंग vs लो कैलोरी डाइट: वेट लॉस के कौन से तरीके का चुनाव हो सकता हैं आपके लिए बेस्ट?

आजकल सभी खूबसूरत फिट और स्लिम दिखना चाहते हैं और लोगों को ऐसा लगता हैं की मोटा होने उनके लुक को बिगाड़ देता हैं और साथ-साथ मोटापा हमारे अंदर काफी सारी बीमारियों को जन्म देता है जैसे डायबीटीज, हाई बीपी या फिर हार्ट से रिलेटेड बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

Published by Anuradha Kashyap

Intermittent Fasting vs Low Calorie Diet: आजकल सभी खूबसूरत फिट और स्लिम दिखना चाहते हैं और लोगों को ऐसा लगता हैं की मोटा होने उनके लुक को बिगाड़ देता हैं और साथ-साथ मोटापा हमारे अंदर काफी सारी बीमारियों को जन्म देता है जैसे डायबीटीज, हाई बीपी या फिर हार्ट से रिलेटेड बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोग वजन घटाने के लिए अलग-अलग प्लान को अपनाते हैं और आजकल ट्रेंड में है इंटरमिटेंट  फास्टिंग और लो कैलोरी डायट इन दोनों का मेन मोटिव होता है हमारे शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी को कम करना।  

इंटरमिटेंट फास्टिंग देती है हमारे शरीर को डिटॉक्स होने का मौका

इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब होता है कि आप दिन में एक ही समय का खाना खा सकते हैं और बाकी समय आपको व्रत रखना है। आमतौर पर 16:8 पैटर्न सबसे ज्यादा अपनाया जाता है जिसमें आप 16 घंटे फास्टिंग करते हैं और 8 घंटे खाना खाने का समय होता है यह करने से आपके शरीर को ब्रेक भी मिल जाता है और फैट बर्निंग भी काफी हद तक फास्ट हो जाती है। 

लो कैलोरी डायट का मतलब होता है कैलोरी कट तो वजन कम

लो कैलोरी डायट हमारे खाने का समय तय करने की बजाय आप रोजाना कम कैलोरी लेते हैं यानी आपको वही चीज खानी होती है लेकिन आपको उनकी क्वांटिटी कम कर देनी होती है जैसे कि आपको तली-भूली चीजों से दूर रहना होता है, मीठी और फैटी फूड को खाना कम करना होता है। जिससे कि हमारे शरीर को काफी हद तक एनर्जी मिलती है और फैट बर्न होता है और यह तरीका उन लोगों के लिए काफी ज्यादा अच्छा होता है जो लगातार छोटे-छोटे बदलाव कर सकते हैं। 

इन दोनों तरीकों में से कौन सा तरीका होता है ज्यादा असरदार

अगर आपको भी अपना वजन घटाना है तो यह दोनों तरीके आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं लेकिन आपके लाइफस्टाइल पर यह पूरी तरीके से डिपेंड करता है कि आप कौन सा तरीका अपना रहा है। जिन लोगों का शेड्यूल काफी ज्यादा बिजी रहता है वह लंबे समय तक खाना नहीं खा सकते उनके लिए लो कैलोरी डायट काफी ज्यादा अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है।  वही जो लोग कंट्रोल टाइमिंग में खाना खाते हैं उनके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी ज्यादा अच्छा तरीका साबित हो सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि किसी भी तरीके को चुने से पहले आपको अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशन से जरूर सलाह ले लेनी चाहिए। 

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हेल्दी लाइफस्टाइल ही आपकी हेल्दी रहने का असली राज

अगर आपको भी अपना वजन घटाना है तो आप किसी भी तरीकों को चुन सकते हैं लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल आपकी हर एक प्रॉब्लम का इलाज होता है आपको डेली एक्सरसाइज करनी चाहिए, पूरी मात्रा में नींद लेनी चाहिए और स्ट्रेस को कंट्रोल करना चाहिए जिससे कि वजन घटना में काफी ज्यादा मदद मिलती है। 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है

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