Disappearing Body Parts : इंसान के बाल उसकी खूबसूरती के साथ-साथ गर्मी से बचाने और सुरक्षा के लिए भी उपयोगी होते हैं। लेकिन अब यह धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। इसके पीछे का कारण कपड़े, घर की गर्मी और सौंदर्य है। दरअसल वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने बताया कि- आज की जीवनशैली के देखते हुए इंसानों के बाल गायब हो जाएंगे। इसके साथ-साथ शरीर के चार और अन्य अंग भी गायब हो जाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह खाने-पीने, तकनीक और पर्यावरण में बदलाक के कारण हो सकता है।
शरीर के बाल या अंग इंसानों के जिंदा रहने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। लेकिन अब वह इंसानों के शरीर से धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे। इस बात की तरह शोधकर्ता विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि किस तरह से आधुनिकता और बदलावों के कारण इंसान के अंगों पर प्रभाव पड़ रहा है।
शरीर के बाल- व्यक्ति के शरीर के बाल गर्मी और अन्य अंगों की सुरक्षा करते है। लेकिन लोग इन बालों को शरीर से हटा देते हैं। जैसे भौहों के अलावा, बालों को हटाना। यह चीजें खासकर महिलाएं करती है। लेकिन अध्ययन में पाया गया है कि ब्रिटेन मे 90% से ज्यादा महिलाओं शरीर से बालों के हटा लेती हैं। जिसके कारण यह बाल धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।
अक्ल दाढ़ या तीसरी दाढ़- इनका प्रयोग खासतौर पर पूर्वजों को पड़ती थी। जब वह कठोर से कठोर चीजों को केवल दातों से पीस देते थे। लेकिन आजकल लोग नरम और आधूनिक खाना खाते हैं। जिसके कारण ज़्यादातर लोगों को अब इनकी ज़रूरत नहीं है। कुछ अध्ययनों से पता लगा है कि- यूके में 20 प्रतिशत वयस्कों ने अक्ल दाढ़ निकलवाई है। लेकिन हर पांच में से 1 व्यक्ति के चारों अक्ल दाढ़ कभी निकलते ही नहीं है।
टेलबोन या कोक्सीक्स- टेलबोन हमारे पूर्वजों की पूंछ का अवशेष माना जाता है। जो अब समतल जगहों पर बैठने के कारण उपयोग में नहीं आता है। आज, इसका कोई खास उपयोग नहीं है। यूके में कोक्सीक्स की चोटें लगना एक आम बात है। यहां हर 50 में से एक व्यक्ति को टेलबोन में दर्द होता है।
अपेंडिक्स- हमारे पूर्वज पौधों को पचाने के लिए अपेंडिक्स पर निर्भर थे। लेकिन अब यह अनुपयोगी हो चुका है। आधुनिक पके और प्रसंस्कृत आहार पचाने के लिए आज इसकी जरूरत खत्म हो चुकी है। लोगों को अब इसकी जरूरत नहीं है।
कान की मांसपेशियों का इस्तेमाल- कान की मांसपेशियों का इस्तेमाल कुछ आवाजों की तरफ कान घुमाने के लिए किया जाता है। हमारे पूर्वजों ने भी इसका इस्तेमाल इसी कारण से किया होगा। इससे उन्हें शिकारियों, शिकार या अन्य खतरों का पता लगाने के लिए किया होगा। लेकिन आज हमें इसकी जरूरत नहीं है। ज़्यादातर लोगों की कान की मांसपेशियां निष्क्रिय हैं।
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Published by Preeti Rajput
August 25, 2025 04:04:09 PM IST

