GRAP-3: दिल्ली-NCR में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने GRAP-3 लगा दिया है. आखिर क्या होता है GRAP-3, यह क्यों लगाया जाता है? जानते हैं विस्तार में. दिल्ली और पूरे NCR में GRAP-3 लागू हो चुका है. दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली समेत पूरे NCR का हाल बुरा है. पॉल्यूशन का बढ़ा स्तर और AQI देखते हुए GRAP-3 लगाया गया है.
200 से ऊपर AQI को खराब माना जाता है. AQI, जिसका मतलब है (Air Quality Index) एयर क्वालिटी इंडेक्स, यह बताता है कि हमारी हवा में कितना प्रदूषण है. जितना ज्यादा AQI, उतनी ज्यादा प्रदूषित हवा.
प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि इसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने GRAP-3 लागू करने का फैसला लिया है, जिससे हालात पर कुछ काबू पाया जा सके और प्रदूषण को रोका जा सके.
कितना AQI अच्छा, कितना बुरा?
0-50 – अच्छा (Good)
51-100 – संतोषजनक (Satisfactory)
101-200 – मध्यम (Moderate)
201-300 – खराब (Poor)
301-400 – बहुत खराब (Very Poor)
401-500 और इससे ऊपर – गंभीर/खरतनाक (Severe/Hazardous)
GRAP-3 तब लागू होता है जब AQI स्तर 400 से पार कर जाता है. इस स्थिति को एयर क्वालिटी के लिए ‘गंभीर’ माना जाता है. फिलहाल दिल्ली-NCR में GRAP-3 लागू है.
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GRAP-3 के नियम क्या हैं?
- GRAP-3 लागू होने पर BS-3 और BS-4 पेट्रोल-डीजल वाले हल्के वाहनों को चलाने की भी अनुमति नहीं होती है.
- GRAP-3 लगने पर निर्माण के कार्य पर रोक लग जाती है.
- रोड बनाने और मरम्मत के कार्यों पर रोक लग जाती है.
- कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों को ऑनलाइन मोड कर दिया जाता है.
- इसके अलावा पूरे स्टोन क्रशर का ऑपरेशन बंद रहता है.
- खुदाई और उससे जुड़ी गतिविधियां भी बंद रहती हैं.
- धूल और धुएं से जुड़े कार्य बंद कर दिए जाते हैं.
- लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है कि कारपूल करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें.
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