Jharkhand News: सोमवार सुबह हजारीबाग के गिरहोर थाना क्षेत्र के पनतीतरी जंगल में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुए. मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने जंगल में तलाशी अभियान चलाया, जिसमें तीन शव बरामद किए गए. इनमें से एक की पहचान एक करोड़ रुपये के इनामी माओवादी सहदेव सोरेन के रूप में हुई है, जबकि दूसरे माओवादी की पहचान रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ निर्भय उर्फ चंचल उर्फ बिरसेन के रूप में हुई है. रघुनाथ हेम्ब्रम माओवादी संगठन की स्पेशल एरिया कमेटी (SAC) का सदस्य था और राज्य सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. रघुनाथ गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र के जरीडीह का रहने वाला था. सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की हैं. पुलिस मुख्यालय ने इस घटना को एक बड़ी सफलता बताया है.
घटना के बाद, हजारीबाग एसपी, गिरिडीह एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और इलाके में तलाशी अभियान जारी रखा गया. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, माओवादी गतिविधियों के खात्मे की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण सफलता है.
6 महीने में मारा गया दूसरा एक करोड़ का इनामी माओवादी
यह घटना छह महीने में दूसरी बड़ी मुठभेड़ है जिसमें एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी मारा गया. इससे पहले, 21 अप्रैल को बोकारो जिले के ललपनिया में एक मुठभेड़ के दौरान एक करोड़ रुपये के इनामी माओवादी विवेक उर्फ प्रयाग मांझी समेत आठ माओवादी मारे गए थे.
सहदेव सोरेन का परिचय
मारा गया सहदेव सोरेन हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के मंडेरी गांव का निवासी था. उसका असली नाम अनुज उर्फ सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश था. वह माओवादी संगठन में केंद्रीय समिति का सदस्य था और झारखंड सरकार ने उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था. सहदेव सोरेन के मारे जाने के बाद झारखंड में एक करोड़ रुपये के इनामी माओवादियों की संख्या अब घटकर केवल तीन रह गई है. इनमें मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर, असीम मंडल उर्फ आकाश और अनल उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी शामिल हैं.
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