नई दिल्ली से मनीष मेहता की रिपोर्ट
Jharkhand: झारखंड के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के लिए जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है। 15वें वित्त आयोग के अनुदान की अगली किस्त शीघ्र जारी होगी। यह संकेत तब मिला जब झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव से मुलाकात की।
ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाना है झारखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
बैठक में मंत्री ने साफ कहा कि झारखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाना और ग्रामीण विकास को नई दिशा देना है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि आयोग की किस्त शीघ्र जारी की जाए, ताकि योजनाओं का लाभ गाँव-गाँव तक पहुँचे।
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दीपिका पांडे सिंह ने कहा
“अनुदान जारी होने से पंचायतों में विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों की आधारभूत संरचना मजबूत होगी। सरकार चाहती है कि ग्रामीण जनता को समय पर योजनाओं का लाभ मिल सके।”
बैठक में झारखण्ड सरकार की ओर से रखे गए कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव
1. आरजीएसए (Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan) के अंतर्गत अतिरिक्त फंड सहायता।
2. पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स 2.0 के लिए प्रशिक्षण।
3. सैटेलाइट आधारित दूरस्थ शिक्षा सुविधा।
4. ग्राम पंचायतों का सोलराइजेशन।
5. यूनिफाइड पंचायत डिजिटलाइजेशन योजना।
केंद्रीय सचिव ने इन प्रस्तावों पर सकारात्मक पहल और सहयोग का भरोसा दिया।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर विभागीय सचिव मनोज कुमार (IAS), निदेशक (पंचायती राज, झारखंड) राजेश्वरी बी., भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के Director (Capacity Building) विपुल उज्जवल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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अनुदान की किस्त जारी होने के बाद झारखंड की पंचायतों में विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि ग्राम पंचायतें डिजिटल और आत्मनिर्भर बनें तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिले।

