Dark Fantasy Unhealthy Snacks: हाल ही में सनफीस्ट (Sunfeast) ने एक नया एड जारी किया है, जिसमें माता-पिता को सुझाव दिया गया है कि वे बच्चों के टिफिन में डार्क फैंटेसी बिस्किट रखें. कुछ समय पहले ऐसा ही प्रचार लोटे चोकोपाई (Lotte Choco Pie) के लिए भी देखा गया था. ये एड देखने में तो प्यारे लगते हैं, लेकिन क्या सच में ये चीजें बच्चों के लिए सही हैं? आइए, इस पर एक नजर डालते हैं.
सबसे पहले सवाल ये है कि आखिर इन उत्पादों में ऐसा कौन-सा पोषक तत्व है, जिसकी बच्चों को रोज जरूरत है? अगर आप इनके घटक (ingredients) देखें, तो ज्यादातर में मैदा (refined flour), चीनी (sugar), पाम ऑयल (palm oil) और कई तरह के कृत्रिम स्वाद व रंग (artificial chemicals) शामिल होते हैं. इनमें न तो फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, न ही प्रोटीन या विटामिन्स.
स्वादिष्ट, पर हेल्दी नहीं
ये बात सही है कि ये बिस्किट बहुत टेस्टी होते हैं. बच्चे इन्हें चाव से खाते हैं क्योंकि इनका स्वाद मीठा और मुलायम होता है. लेकिन स्वादिष्ट होना और हेल्दी होना, दोनों अलग बातें हैं. बार-बार ऐसी चीजें खाने से बच्चों में चीनी की लत, वजन बढ़ना और दांतों की समस्या जैसी परेशानियां शुरू हो सकती हैं.
क्या भूल गए कि भारत डायबिटीज कैपिटल है?
भारत पहले से ही दुनिया में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मामलों वाला देश माना जाता है. ऐसे में बच्चों को बचपन से ही अधिक चीनी वाली चीजें देना, उनके भविष्य के स्वास्थ्य को खतरे में डालना है. कंपनियां स्वाद और विज्ञापन के जरिए हमें आकर्षित करती हैं, लेकिन असली जिम्मेदारी तो हमारी है कि हम समझदारी से फैसला लें.
कभी-कभार ठीक, लेकिन रोज नहीं
अगर बच्चा कभी-कभी इन बिस्किट्स को खा ले, तो जरूरी नहीं कि ये बहुत नुकसान करे. लेकिन रोजाना टिफिन में देना एक गलत आदत बन सकती है. टिफिन का मकसद बच्चों को ऊर्जा देने वाला, घर का बना और पौष्टिक खाना देना होता है न कि ऐसी चीजें जो सिर्फ स्वाद के लिए हों.
कंपनियां बच्चों के टिफिन में ऐसे उत्पाद डालने की सलाह देती हैं, लेकिन अब हमें जवाब देना होगा. हमें साफ कहना चाहिए कि हम अपने बच्चों को ऐसे बिस्किट रोज नहीं देंगे. हमारा टिफिन प्यार, सेहत और घर की सादगी से भरा रहेगा न कि चमकदार पैकेटों से.

