Aaj Ka Mausam: मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार, केरल, तामिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना है. इस मौसम प्रणाली पर मौसम विभाग की लगातार निगरानी जारी है, ताकि समय रहते लोगों को सचेत किया जा सके.
बंगाल की खाड़ी में बन रहा सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार, मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर लो प्रेशर का क्षेत्र बना हुआ है. ये क्षेत्र 24 नवंबर 2025 तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर प्रेशर सिस्टम में बदल सकता है. फिलहाल ये एक संभावित डिप्रेशन के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसे चक्रवाती तूफान में बदलने के बारे में अभी कोई निश्चित दावा करना जल्दबाजी होगी.
आईएमडी ने बताया कि ये सिस्टम अगले 24 घंटों में बंगाल की खाड़ी के तट के आसपास ज्यादा तीव्र हो सकता है. मौसम विभाग ने लोगों को सचेत किया है कि जैसे ही यह प्रणाली चक्रवाती तूफान में बदलती है, उनके पास इसके बारे में ताजा जानकारी होगी.
दक्षिण भारत में भारी बारिश का खतरा
केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में कई हिस्सों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा, आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा में भी अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है.
भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ सकता है. ग्रामीण और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. मौसम विभाग ने कहा है कि बारिश की स्थिति और तेज हो सकती है, इसलिए लोग अपने यात्रा और दैनिक कामकाज में सावधानी बरतें.
दिल्ली-एनसीआर में तापमान गिर सकता है
दिल्ली-एनसीआर में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट का अनुमान है. नवंबर की शुरुआत में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया था, लेकिन मध्य नवंबर से यह तापमान 12-13 डिग्री सेल्सियस के आसपास स्थिर हो गया था.
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिनों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम का असर दिल्ली-एनसीआर के मौसम पर भी पड़ सकता है.
उत्तर प्रदेश और बिहार में घना कोहरा
उत्तर प्रदेश, बिहार और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है. बिहार में विशेष रूप से 23-24 नवंबर के आसपास शीतलहर की शुरुआत हो सकती है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बिहार में 24 नवंबर से न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. सुबह के समय घना कोहरा अभी भी देखने को मिल रहा है, जो सड़क यात्रा और हवाई मार्गों पर असुविधा पैदा कर सकता है.
बिहार में शीतलहर का प्रकोप
मौसम विभाग ने बताया कि बिहार में आने वाले 48 घंटों में शीतलहर का असर तेज होने की संभावना है. पश्चिमी हवाओं की गति अभी धीमी है, जिससे फिलहाल कुछ राहत मिल रही है, लेकिन आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ सकती है.
बिहार, झारखंड और आसपास के राज्यों में बंगाल की खाड़ी से आने वाली बारिश के बाद ठंड और अधिक बढ़ जाएगी. लोगों को सर्दियों के मौसम में आवश्यक सावधानी बरतनी होगी, जैसे गर्म कपड़े पहनना, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना और घर में गर्म पानी की व्यवस्था करना.
पश्चिमी हवाएं और मौसम पर असर
मौसम विभाग ने बताया कि अगले 6-7 दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है. लेकिन, 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली पश्चिमी हवाएं ठंड का एहसास बढ़ा सकती हैं. इन हवाओं के कारण कई राज्यों में न्यूनतम तापमान और अधिक गिर सकता है. खासकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और आसपास के क्षेत्रों में इन हवाओं के कारण ठंड का प्रभाव महसूस होगा.
मौसम विभाग की सतत निगरानी
आईएमडी ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट पर ध्यान दें. चक्रवाती सिस्टम बनने की स्थिति में मौसम विभाग समय-समय पर अपडेट जारी करेगा. मौसम विभाग ने कहा है कि किसी भी सिस्टम के बनने से पहले लोगों को सचेत करना प्राथमिकता है. इसलिए सभी राज्यों में अधिकारियों और जनता को तैयार रहने की सलाह दी गई है.
सामान्य सुझाव और सावधानी
1. भारी बारिश में सतर्कता: तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को भारी बारिश के समय बाहर न निकलने की सलाह है.
2. सर्दी से बचाव: उत्तर भारत में तापमान में गिरावट और शीतलहर के कारण गर्म कपड़े, कंबल और घरेलू गर्म पानी की व्यवस्था जरूरी है.
3. सड़क और हवाई यात्रा: घने कोहरे और बारिश के कारण ट्रैफिक धीमा हो सकता है. यात्रा की योजना बनाते समय मौसम अपडेट देखें.
4. बिजली और पानी की बचत: भारी बारिश और तूफान की स्थिति में बिजली कटौती और जलभराव की संभावना रहती है.
इस समय भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौसम की स्थिति अलग-अलग है. दक्षिण भारत में बंगाल की खाड़ी के प्रभाव से भारी बारिश का खतरा है, जबकि उत्तर भारत में कोहरा, सर्दी और शीतलहर का प्रभाव दिखाई दे रहा है. दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार में तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ने की संभावना है.

