Indian Navy 3d Radar: भारत अपनी सेना को लगातार शक्तिशाली बनाने में लगा हुआ है। इसके लिए भी मेड इन इंडिया पर ज़ोर दिया जा रहा है। अब इसी कड़ी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने नौसेना की ताकत में इज़ाफ़ा करते हुए उसे दुनिया के सबसे घातक और उन्नत 3D एयर सर्विलांस राडार से लैस किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस उन्नत 3D एयर सर्विलांस रडार का नाम ‘लांजा-एन’ है।
इस रडार को स्पेनिश कंपनी इंद्रा ने डिज़ाइन किया है। लेकिन तकनीक हस्तांतरण के बाद इसका निर्माण देश में ही किया जा रहा है। आपको बता दें कि लांजा-एन एक लंबी दूरी का 3D रडार है। जो वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों में अहम भूमिका निभा सकता है।
भारतीय विमानवाहक पोतों में भी लिया जाएगा लेस
खास बात यह है कि यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन, सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों, एंटी-रेडिएशन मिसाइलों और नौसैनिक प्लेटफार्मों का पता लगा सकता है. यानी आसमान से लेकर समुद्र तक दुश्मन की हर हरकत इसकी निगरानी में रहेगी.
टाटा ने एक इतालवी कंपनी के साथ साझेदारी में इस रडार को भारतीय युद्धपोतों पर सफलतापूर्वक तैनात किया है। अब आने वाले समय में इसे नौसैनिक फ्रिगेट, विध्वंसक और विमानवाहक पोतों पर भी लगाया जाएगा.
भारत के राडार सिस्टम को मिलेगी मजबूती
आपको बता दें कि टाटा ने कर्नाटक में एक समर्पित राडार असेंबली और परीक्षण सुविधा का निर्माण किया है, जहां इसका उत्पादन और एकीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा, इसे भारतीय नौसेना की सभी मौजूदा प्रणालियों के साथ एकीकृत किया गया है। वहीं, कंपनी के सीईओ सुकरण सिंह ने कहा, यह साझेदारी भारत में उन्नत रडार निर्माण को मजबूत करने की एक साझा प्रतिबद्धता है.
वहीं, इंद्रा की नौसेना व्यवसाय इकाई की प्रमुख एना बुएंडिया ने कहा कि न केवल राडार की आपूर्ति की जा रही है, बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और समर्थन में तेज़ी लाने के लिए बेंगलुरु में एक नया राडार कारखाना भी स्थापित किया गया है.
इस सिस्टम को ऑपरेट करने वाला पहला देश
खास बात यह है कि भारत स्पेन के बाहर लांज़ा-एन रडार सिस्टम संचालित करने वाला पहला देश बन गया है. इससे भारत की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. इस राडार की वजह से नौसेना अब हिंद महासागर से लेकर अरब सागर तक और भी ज़्यादा सतर्क हो जाएगी.
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