Green Patake : हर साल दिवाली पर प्रदूषण का लेवल बढ़ना आम बात हो गई है. पर इस बार की दिवाली थोड़ी अलग होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और सीमित उपयोग की अनुमति देकर एक संतुलन बनाने की कोशिश की है- जहां उत्सव भी हो और पर्यावरण की सेहत भी बनी रहे.इस आर्टिकल में हम जानेंगे ग्रीन पटाखों से जुड़े हर जरूरी सवाल का जवाब- क्या हैं ग्रीन पटाखे, कब चला सकते हैं, कहां मिलेंगे और कैसे पहचानें असली ग्रीन पटाखे?
कब और कितनी देर चला सकते हैं पटाखे?
सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि ग्रीन पटाखों का उपयोग केवल निम्नलिखित समय पर किया जा सकता है:
दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन
सुबह: 6 बजे से 7 बजे तक
रात: 8 बजे से 10 बजे तक
इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया है कि केवल पंजीकृत निर्माताओं के पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी. अवैध पटाखों को जब्त किया जाएगा.
What are Green Crackers : क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखे भारत के CSIR-NEERI (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) द्वारा विकसित किए गए हैं. ये पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम प्रदूषण करते हैं चाहे वो धुआं हो या शोर.
आवाज का लेवल: सामान्य पटाखे 160 डेसीबल तक शोर करते हैं, जबकि ग्रीन पटाखे 110–125 डेसीबल तक ही सीमित रहते हैं.
रासायनिक संरचना: इनमें खतरनाक केमिकल जैसे एलुमिनियम, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर या तो बहुत कम होते हैं या नहीं होते.
विशेषता: इनमें डस्ट सप्रेसेंट मिलाया जाता है, जो वातावरण में मौजूद धूल को सोखकर हवा को थोड़ा साफ करता है.
Types of Green Crackers : तीन प्रकार के ग्रीन पटाखे
1. SWAS (स्वास) – इनसे बहुत ही बारीक जल की बूंदें निकलती हैं, जो वातावरण की धूल को कंट्रोल करती हैं.
2. SAFAL (सफल) – इनमें नियंत्रित मात्रा में एलुमिनियम होता है और ये कम आवाज करते हैं.
3. STAR (स्टार) – इनमें पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर नहीं होते, जिससे ये बहुत कम धुआं छोड़ते हैं.
दिल्ली-एनसीआर में कहां मिलेंगे ग्रीन पटाखे?
दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल निर्धारित स्थानों पर होगी, जिन्हें जिला कलेक्टर या पुलिस आयुक्त की अनुमति से चिन्हित किया जाएगा. गश्त दल (patrolling team) तैनात किए जाएंगे जो इन बिक्री स्थलों पर निगरानी रखेंगे.
कैसे पहचानें असली ग्रीन पटाखे?
बाजार में नकली ग्रीन पटाखों की संभावना को देखते हुए पहचान करना बेहद जरूरी है:
हमेशा लाइसेंस प्राप्त दुकान से ही खरीदारी करें.
असली ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर QR कोड होता है.
QR कोड को NEERI ऐप से स्कैन करें- ये बताएगा कि पटाखा असली है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन लोगों के लिए राहत है जो दिवाली पर पटाखों के बिना त्योहार अधूरा मानते हैं. लेकिन इस बार जिम्मेदारी भी हमारी है. सही समय, सही जगह और सही पटाखे का इस्तेमाल करें. ग्रीन पटाखे न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि ये भी दिखाते हैं कि हम आधुनिक विज्ञान और परंपरा का सही संतुलन बना सकते हैं.

