Ladakh Violence: लद्दाख में बुधवार को भड़की हिंसा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. गुस्साई भीड़ ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी. 24 सितंबर से शुरू हुई हिंसा के बाद से अब तक पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 पुलिस अधिकारियों समेत 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने मोदी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. दरअसल, वांगचुक ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने साफ़ चेतावनी दी है कि अगर उन्हें गिरफ़्तार किया गया, तो सरकार की मुश्किलें उनकी आज़ादी से कहीं ज़्यादा बढ़ जाएंगी.
सरकार बलि का बकरा तलाश रही – वांगचुक
गौरतलब है कि वांगचुक ने लद्दाख में गुरुवार को हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें उन्हें हिंसक प्रदर्शनों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया था. वांगचुक ने कहा कि सरकार असली समस्या को नज़रअंदाज़ करते हुए बलि का बकरा ढूंढ रही है.
उन्होंने आगे कहा, “सरकार मुझे पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत दो साल के लिए जेल भेजने की तैयारी कर रही है. मैं इसके लिए तैयार हूँ. लेकिन याद रखिए, सोनम वांगचुक का जेल में होना सरकार के लिए वांगचुक के बाहर होने से कहीं ज़्यादा बड़ी समस्या होगी.”
वांगचुक ने बताई हिंसा के पीछे की वजह
वांगचुक ने हिंसा के लिए युवाओं के गुस्से और लंबे समय से लंबित मांगों को ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि छह साल की बेरोज़गारी और अधूरे वादों ने युवाओं का धैर्य जवाब दे दिया है. उन्होंने सरकार पर असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए दोषारोपण की राजनीति का सहारा लेने का आरोप लगाया. यह कदम शांति का मार्ग प्रशस्त नहीं करता, बल्कि स्थिति को और भड़काता है.
हिंसा पर गृहमंत्रालय का बयान
गृह मंत्रालय ने कल देर रात एक बयान जारी कर कहा कि राजनीति से प्रेरित लोग और वांगचुक जैसे नेताओं के भड़काऊ बयान हिंसा भड़काने के लिए ज़िम्मेदार हैं. मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पुराने या भड़काऊ वीडियो प्रसारित न करने की चेतावनी दी. मंत्रालय के अनुसार, लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ लगातार बातचीत जारी है. उच्च स्तरीय समिति की अगली बैठक 6 अक्टूबर को होगी, और 25 और 26 सितंबर को भी बैठकें निर्धारित हैं.

