Ravi Kishan Samosa Price: भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने बुधवार को संसद के शून्यकाल में मांग की कि सरकार विभिन्न होटलों और ढाबों में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाए।
रवि किशन ने कहा, हमारा भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। जहाँ कस्बों से लेकर शहरों तक लाखों ढाबे और रेस्टोरेंट हैं। जहाँ करोड़ों लोग रोज़ाना खाना खाते हैं। लेकिन, ढाबों और होटलों के स्थान और स्तर के अनुसार लोगों से खाने-पीने की चीज़ों के पैसे लिए जाते हैं।
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रवि किशन ने समोसे का मुद्दा क्यों उठाया?
रवि किशन ने आगे कहा, कहीं समोसा सस्ता मिलता है। कहीं वही समोसा महंगा मिलता है। खाने-पीने की चीज़ों के दाम जगह के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। किसी ढाबे या होटल में खाने-पीने की चीज़ों की मात्रा कितनी होगी, यह तय नहीं किया गया है। कहीं एक ही समोसा ज़्यादा मात्रा में दिया जाता है। कहीं बहुत कम। इतना बड़ा बाज़ार, जिसके करोड़ों ग्राहक हैं, बिना किसी नियम-कानून के चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी से क्या मांग की?
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कई क्षेत्रों में कई बदलाव किए हैं, हालाँकि यह क्षेत्र अब भी अछूता है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि छोटे ढाबों से लेकर सामान्य होटलों, अच्छे रेस्टोरेंट, पाँच सितारा होटलों तक, सभी जगहों पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित करने के लिए एक कानून बनाया जाए। ताकि देशवासियों को उचित दाम पर सही गुणवत्ता वाला भोजन मिल सके।”
“कहीं दाल 1000 रुपये की तो कहीं 100 रुपये की”
कुछ ढाबों में तड़का दाल 100 रुपये में मिलती है। कहीं वही 1000 रुपये में। उन्होंने कहा, मानकीकरण कहाँ है? एक ही खाना, एक ही रेसिपी, फिर भी ग्राहक अलग-अलग दाम चुकाता है। इसी के चलते उन्होंने सरकार से माँग की कि खाद्य पदार्थों की कीमत तय होनी चाहिए।

