भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(3) के तहत, राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है। ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए चुने जाते हैं। वर्तमान में, राज्यसभा के सदस्यों की कुल संख्या 245 है, जिसमें 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं।
हर्षवर्धन श्रृंगला एक वरिष्ठ राजनयिक
संसद के उच्च सदन में जाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला एक वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं और 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी हैं। अपने 35 साल के लंबे करियर में हर्षवर्धन ने राजधानी नई दिल्ली सहित विदेशों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
वे अमेरिका में भारत के राजदूत (2019) रह चुके हैं। इससे पहले, उन्होंने बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में भी कार्य किया है। इसके अलावा, उन्होंने फ्रांस (यूनेस्को); अमेरिका (संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क); वियतनाम (हनोई और हो ची मिन्ह सिटी); इज़राइल और दक्षिण अफ्रीका (डरबन) में भी काम किया है। हर्षवर्धन ने विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (महानिदेशक) के रूप में कार्य किया, जहाँ उनके पास बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव की ज़िम्मेदारी थी।
अमेरिका में राजदूत के रूप में काम करने के बाद, हर्षवर्धन श्रृंगला को 29 जनवरी 2020 को विदेश मंत्रालय का 33वां विदेश सचिव बनाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की है और भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने से पहले भारत में कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्रों में काम किया है।
कसाब के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ने के लिए जाना जाते हैं उज्ज्वल निकम
देश के जाने-माने वकील उज्ज्वल निकम भी राज्यसभा के ज़रिए सांसद बनने वाले हैं। उन्हें आतंकवादी अजमल कसाब के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ने के लिए जाना जाता है। उन्होंने पिछले साल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बेहद कड़े मुक़ाबले में उन्हें मुंबई उत्तर मध्य सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
एक सरकारी वकील के तौर पर, निकम ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान ज़िंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब की मौत की सज़ा के लिए सफलतापूर्वक पैरवी की थी। इस मुक़दमे को लड़ने के बाद, उन्हें 2009 में Z+ सुरक्षा प्रदान की गई थी। वर्ष 2016 में, निकम को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। यह देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इतना ही नहीं, उनकी जीवनी पर एक फ़िल्म “आदेश – पॉवर ऑफ़ लॉ” भी बनाई गई थी।
मीनाक्षी जैन
राज्यसभा के लिए मनोनीत डॉ. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय की पूर्व फेलो और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की शासी परिषद की पूर्व सदस्य हैं। वह वर्तमान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की वरिष्ठ फेलो हैं।
राज्यसभा के लिए मनोनीत सी सदानंदन मास्टर एक प्रख्यात शिक्षाविद् भी हैं। उनका संबंध केरल से है। सदानंदन मास्टर केरल के एक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् हैं, जो समाज और शिक्षा के क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक योगदान के लिए जाने जाते हैं।