Aviation Turbine Fuel: एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर भारतीय विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट चौंकाने वाली है। एयर इंडिया ने रिपोर्ट पर कहा है कि वे अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। इस भयानक दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की जान चली गई। उड़ान भरने के मात्र 98 सेकंड बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में कुल 260 लोगों की मौत हो गई।
इस विमान हादसे के बाद से ही लोग प्लेन से जुड़ी कई जानकारियां गूगल पर सर्च कर रहे हैं। इसमें एक यह सवाल यह है कि अगर पेट्रोल और डीजल नहीं तो फिर पलन में कौन सा ईंधन यूज होता है। चलिए आपको बताते हैं।
हवाई जहाज में कौन सा ईंधन शुरू होता है
सबसे पहली और ज़रूरी बात यह है कि हवाई जहाज़ में न तो पेट्रोल इस्तेमाल होता है और न ही डीज़ल। आप सोच रहे होंगे कि फिर विमान उड़ता कैसे है? इसका जवाब है जेट ईंधन। जी हाँ, हवाई जहाज़ में डाला जाने वाला ईंधन पेट्रोल और डीज़ल से बिल्कुल अलग होता है। इसे एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) कहते हैं, जिसे आमतौर पर जेट ईंधन के नाम से भी जाना जाता है। यह केरोसिन आधारित ईंधन होता है।
विमान में इस्तेमाल होता है अनोखा ईंधन
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, विमान के टर्बाइन इंजन को चलाने के लिए एविएशन टर्बाइन फ्यूल जरूरी होता है। यह पेट्रोल के आसुत द्रव से बनता है। इसकी निर्माण प्रक्रिया पेट्रोल से थोड़ी अलग होती है, जिसकी वजह से यह विमान के इंजन में बेहतर काम करता है। जेट ईंधन पेट्रोल की तुलना में ज़्यादा सघन होता है और ज़्यादा तापमान को सहन कर सकता है, जिससे यह ऊँचाई पर उड़ान भरने के लिए आदर्श होता है।
इसके अलावा, जेट ईंधन की खासियत यह है कि यह विमान के इंजनों के लिए बेहद कुशल और विश्वसनीय होता है, जबकि सामान्य पेट्रोल उच्च तापमान और दबाव में काम करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। यही कारण है कि जेट ईंधन हवाई जहाजों के लिए जरूरी है।
कितनी होती है ईंधन की कीमत
अब सवाल यह उठता है कि इस ख़ास ईंधन की कीमत क्या है? आंकड़ों के मुताबिक, एक लीटर जेट ईंधन की कीमत लगभग 812 रुपये है। हालाँकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में यह कीमत समय-समय पर बदलती रहती है, लेकिन आमतौर पर यह पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों से काफ़ी ज़्यादा होती है। और चूँकि ईंधन एयरलाइनों के लिए सबसे बड़ी लागतों में से एक है, इसलिए यह लागत टिकट की कीमतों को भी प्रभावित करती है।

