ओडिशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट
Odisha: ओडिशा पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे जांच को आगे बढ़ाते हुए अब राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) से पिछले तीन दशकों की विदेशी फंडिंग से जुड़ी सभी जानकारी मांगी है। यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर की जा रही है जो इस साल 7 फरवरी को झारसुगुड़ा थाने में दर्ज की गई थी।
राहुल गांधी के भाषण ने देश की एकता और संप्रभुता को ठेस पहुंचाई
शिकायतकर्ता भाजपा के स्थानीय नेता रामहरि पुजारी हैं। उनका आरोप है कि 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी के भाषण ने देश की एकता और संप्रभुता को ठेस पहुंचाई। शिकायत में विशेष रूप से राहुल गांधी के उस बयान का उल्लेख किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था, “हम अब बीजेपी, आरएसएस और भारतीय स्टेट से लड़ रहे हैं।”
विदेशी दान का उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया गया
भाषण के बाद उठे विवाद के चलते दर्ज हुई एफआईआर के बाद अब जांच टीम ने वित्तीय पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जांच अधिकारी एसडीपीओ उमाशंकर सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को नोटिस भेजकर 1991 से अब तक मिली सभी विदेशी फंडिंग का विस्तृत विवरण मांगा है।
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नोटिस में यह भी पूछा गया है कि किन-किन बैंकों में यह धनराशि जमा हुई, फंड देने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के नाम-पते, संपर्क नंबर, उम्र और अन्य विवरण उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा, फाउंडेशन से यह जानकारी भी मांगी गई है कि क्या उनके पास FCRA लाइसेंस मौजूद है, ऑडिट रिपोर्ट्स कौन तैयार करता है और विदेशी दान का उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया गया।
फाउंडेशन को इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक से फंड प्राप्त हुआ था
पुलिस का कहना है कि वर्ष 2011 में फाउंडेशन को इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक से फंड प्राप्त हुआ था। साथ ही आरोप है कि चीन सरकार और कुछ विवादित संस्थाओं से भी बड़ी रकम आई थी। इस पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसके अलावा जांच अधिकारी यह भी जानना चाहते हैं कि यूपीए सरकार के दौरान वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री राहत कोष से फाउंडेशन को जो धनराशि दी गई, वह किन कारणों से ट्रांसफर हुई और इसका इस्तेमाल किन परियोजनाओं में किया गया।
पुलिस ने दी चेतावनी
राजीव गांधी फाउंडेशन को 4 नवंबर तक सभी दस्तावेज और जानकारी पेश करनी होगी। साथ ही फाउंडेशन के वित्त निदेशक को पूछताछ के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का नोटिस भी जारी किया गया है।
पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 210 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से साफ है कि जांच केवल भाषण तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक लेन-देन की गहन पड़ताल की ओर भी बढ़ रही है।
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अब राजनीतिक हलकों में इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि राजीव गांधी फाउंडेशन पुलिस के सवालों का क्या जवाब देता है और इस मामले की आगे की दिशा क्या होगी।

