Uttrakhand Cloud Burst: उत्तराखंड में हुई बारिश ने सब कुछ मिनटों में बर्बाद कर दिया। वहीँ सबसे ज्यादा तबाही वाला मंजर उत्तरकाशी के धराली में देखने को मिला। आपकी जानकारी के लिए बता दें, खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर के रख दिया। यह आपदा कई लोगों के लिए जानलेवा बन गई है। वहीँ सरकार ने इससे निपटने के लिए हर तरह का जोर लगा लिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आपदा आने की वाजग बादल का फटना बताया जा रहा है। लेकिन देहरादून मौसम विभाग ने बादल फटने को आपदा की वजह मानने से साफ मना कर दिया और इसकी एक रिपोर्ट उन्होंने दिल्ली भी भेजी है।
नहीं फटा था बादल
देहरादून मौसम विभाग केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल का कहना है कि, मंगलवार को उत्तरकाशी में कहीं भी बादल फटने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि, यही वजह है कि उत्तरकाशी में महज 30 से 40 मिमी बारिश ही दर्ज की गई। आमतौर पर बादल फटने की घटना होने पर एक घंटे में 100 मिमी बारिश होती है। यानी बादल फटने पर भारी बारिश दर्ज की जाती है, जबकि मंगलवार को उत्तरकाशी में औसतन हल्की और मध्यम बारिश ही दर्ज की गई। देहरादून की रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया कि यहाँ बादल नहीं फटा था बल्कि इस बाढ़ की वजह कुछ और ही है।
ये हो सकती है बाढ़ आने की वजह
आपकी जानकारी के लिए बता दें, देहरादून मौसम केंद्र ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है। मौसम विभाग को इस बात का शक है कि उत्तरकाशी के ऊपरी इलाके में एक झील बन गई है। उनका कहना है कि, हो सकता है कि उसके टूटने से यह बाढ़ आई हो। दूसरी आशंका यह है कि ऊपरी इलाके में कई ग्लेशियर हैं। हो सकता है कि कोई ग्लेशियर अचानक तेज़ी से पिघल गया हो और उसका पानी अचानक नीचे आ गया हो, जिससे उत्तरकाशी के धराली में तबाही मच गई हो।

