Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध ये वो युद्ध जिसके बारे में ख्याल आने पर भी आज भी पूरा पाकिस्तान कांप जाता है। वहीँ इस युद्ध में जिस तरह भारतीय सेना ने अपना दम दिखाया वो बेहद खास और भारत की मजबूती को दर्शाता है। बिजनौर के वैसे तो कई जवान कारगिल युद्ध का हिस्सा थे, लेकिन मोहम्मद असद ने कारगिल युद्ध में अपना एक हाथ गंवा दिया था। इतना ही नहीं हाथ गंवाने के साथ ही उनका पैर भी जख्मी हो गया था। उनके आसपास मौजूद जवानों को गोली लगी थी। वहीँ मोहम्मद असद ने घायल अवस्था में भी अपने साथियों का हौसला बढ़ाया। वहीँ मोहम्मद असद के भाई मोहम्मद अजहर भी सेना में भर्ती हुए थे और अब वो सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
इस तरह खोया हाथ
आपको बता दें, बिजनौर की रहमत कॉलोनी के रहने वाले मोहम्मद असद कारगिल युद्ध का एक अहम हिस्सा थे। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने अपना एक हाथ गंवाने के बाद भी अपनी टीम का हौसला बढ़ाया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कारगिल युद्ध के दौरान एक शेल यानी बम से वो बुरी तरह घायल हो गए थे। जिसमें उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया। हाथ के साथ-साथ उनकी जांघ भी बुरी तरह घायल हो गई थी। मोहम्मद असद 18 गढ़वाल रेजिमेंट में तैनात थे।
कारगिल वॉर में असद
वहीँ मोहम्मद असद ने बताया कि युद्ध के दौरान एक बम से वो घायल हो गए थे। मोहम्मद असद कहते हैं कि वो कारगिल युद्ध का हिस्सा रहे हैं। वो द्रास सेक्टर में तैनात थे। वहीँ 12 जून की रात वो पूरी रात चले। एक पोस्ट पर दुश्मन ने कब्जा कर लिया था। उस पोस्ट को दुश्मन के कब्जे से छुड़ाना था। आमने-सामने से गोलीबारी हो रही थी। उस दौरान दुश्मन का गोला पास में गिरा और उनके हाथ और जांघ में गंभीर चोट आई। गोले के कारण उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया। मोहम्मद असद ने बताया कि सेना का नेतृत्व कर रहे अधिकारी को भी गोली लगी। आसपास के जवान घायल हो गए। मोहम्मद असद ने बताया कि गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें करीब 14 किलोमीटर वापस लौटना पड़ा देश से बड़ा कुछ भी नहीं है।

