B. Sudarshan Reddy: विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने आज उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। आज की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी घोषणा की। खड़गे ने कहा कि ‘बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है।’
बी. सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित किया है। उन्होंने कहा कि ‘वह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है।’
सुप्रीम कोर्ट में जज
आपको बता दें कि सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर रह चुके हैं।खड़गे ने कहा कि ‘उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर काम किया है। इसके साथ ही, वह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए भी काम करते रहे हैं।’
वह एक गरीब व्यक्ति हैं- खड़गे
खड़गे ने कहा कि ‘वह एक गरीब व्यक्ति हैं और अगर आप उनके कई फैसलों को पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने किस तरह गरीबों का साथ दिया है और संविधान व मौलिक अधिकारों की रक्षा की है।’ खड़गे ने कहा कि सभी की सहमति मिलने के बाद ही उनके नाम की घोषणा की गई है।
सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार क्यों बनाया गया?
भाजपा ने तमिलनाडु से सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। इसे दक्षिण की राजनीति को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस भी इस जंग में पीछे नहीं रहना चाहती। इसीलिए पार्टी ने तेलंगाना से रेड्डी को आगे किया है।
इतना ही नहीं, सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण टीम के प्रमुख थे। तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण का काम उनके नेतृत्व में ही पूरा हुआ था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जाति जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं। सुदर्शन रेड्डी को लाकर पार्टी इस मुहिम को और धार देना चाहती है।

