Lalit khaitan: बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड के निदेशकों के रजिस्टर के अनुसार, 4 सितंबर, 2012 से, टिम्बरलेन ट्रस्ट के पास बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड के 1 अमेरिकी डॉलर प्रति शेयर मूल्य के 50,000 साधारण शेयर थे। पेंडोरा पेपर्स से पता चलता है कि भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) बनाने वाली रेडिको खेतान के मालिक, ललित खेतान और उनके परिवार की संपत्तियां ट्रस्टों में हैं। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में मौजूद ट्राइडेंट ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार, टिम्बरलेन ट्रस्ट के लिए एक ट्रस्ट डीड 2012 में टिम्बरलेन ग्रुप फाउंडेशन, पनामा (सेटलर) और ट्राइडेंट ट्रस्ट, बीवीआई (ट्रस्टी) के बीच तय हुई थी। इस डीड में ललित खेतान और अभिषेक खेतान को ट्रस्ट के लाभार्थी बताया गया है।
अक्टूबर, 2012 को हुई थी टिम्बरलेन ग्रुप फाउंडेशन की स्थापना
यहां पर यह बताना भी जरूरी है कि टिम्बरलेन ग्रुप फाउंडेशन की स्थापना 3 अक्टूबर, 2012 को पनामा में हुई थी और बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड को 26 अप्रैल, 2012 को बीवीआई में निगमित किया गया था। बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड के निदेशकों के रजिस्टर में बताया गया है कि 4 सितंबर, 2012 से टिम्बरलेन ट्रस्ट के पास बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड के 1 अमेरिकी डॉलर मूल्य के 50,000 साधारण शेयर थे। यहां पर बता दें कि ललित रेडिको खेतान लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जबकि उनके बेटे अभिषेक इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। टिम्बरलेन ट्रस्ट डीड में बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड कंपनी के 1 अमेरिकी डॉलर मूल्य के 50,000 शेयर को अपना ट्रस्ट फंड घोषित किया गया है।
ललित खेतान ने किए ट्राइडेंट ट्रस्ट के साथ शपथ पत्र साइन
वहीं, 3 सितंबर, 2012 को ललित खेतान ने ट्राइडेंट ट्रस्ट के साथ एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए। आंकड़ों के अनुसार कुछ समय बाद ये शेयर ललित और अभिषेक को हस्तांतरित कर दिए गए। दरअसल, 30 अक्टूबर, 2013 के संबंधित शेयर हस्तांतरण प्रपत्रों में कहा गया है कि टिम्बरलेन ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में ट्राइडेंट ट्रस्ट (बीवीआई) ने बीकूल ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड के 25,000 शेयर ललित खेतान को और 25,000 शेयर अभिषेक खेतान को हासिल मूल्यवान प्रतिफल के लिए हस्तांतरित किए। 5 अक्टूबर, 2012 के एजेंट के एक घोषणापत्र में कहा गया है कि अल्टीमेट एसए, जो नेविस द्वीप के कानूनों के अनुसार गठित एक कंपनी है, टिम्बरलेन ग्रुप फाउंडेशन के प्रत्ययी संस्थापक के रूप में कार्यरत थी। इस घोषणापत्र पर पनामा की नागरिक और अल्टीमेट एसए की निदेशक मार्था सालाज़ार ने हस्ताक्षर किए थे।
टिम्बरलेन ट्रस्ट के संबंध में टिम्बरलेन फाउंडेशन द्वारा ट्राइडेंट ट्रस्ट को 2012 में लिखे गए एक पत्र में लॉ फर्म ओपी खेतान एंड कंपनी की भूमिका का उल्लेख है। इसके साथ ही सलाह भी दी गई कि अगली सूचना तक ट्रस्ट से संबंधित भविष्य के पत्राचार को लॉ फर्म के मालिक गौतम खेतान के ईमेल पर भेजा जाना चाहिए।
रेडिको खेतान से जुड़े दस्तावेज़ों से पता चलता है कि ओपी खेतान एंड कंपनी के एक वरिष्ठ भागीदार आशुतोष पात्रा को 30 सितंबर, 2014 से पांच साल की अवधि के लिए कंपनी का स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया था।
सितंबर, 2005 को रद्द हुआ था समझौता
रिकॉर्ड के अनुसार, ललित और अभिषेक ने पहले एक और ट्रस्ट बनाया था, लेकिन एक साल से ज़्यादा समय बाद उसे रद्द कर दिया गया। दरअसल, एल्कोगल के आंकड़ों में उपलब्ध पिनेकल ट्रस्ट के निरस्तीकरण के एक दस्तावेज़ में कहा गया है कि दिसंबर 2006 में ललित खेतान और अभिषेक खेतान ने पिनेकल ट्रस्ट के बारे में 12 सितंबर, 2005 को हुए समझौते को पूरी तरह से रद्द कर दिया था।
ट्रस्ट में किए गए हैं कई प्रावधान
टिम्बरलेन ट्रस्ट से संबंधित पत्र में ललित और अभिषेक को प्रथम लाभार्थी बताया गया है। इस बात का भी विस्तृत विवरण दिया गया है कि उनके बाद किसे क्या मिलेगा। इसमें अभिषेक की पत्नी दीपशिखा खेतान, उनके बेटे शिवराज खेतान, बेटी देविका खेतान, स्मिता मंडेलिया और शैलजा सराफ का जिक्र है। इसमें यह भी लिखा है गया है कि यदि उल्लिखित लाभार्थियों में से कोई भी लाभार्थी नहीं है और उनमें से किसी के भी कोई बच्चे या कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हैं, तो यह निधि ट्रस्ट के ट्रस्टियों के पूर्ण विवेक पर भारत में एक कैंसर अनुसंधान संस्थान को 100 प्रतिशत वितरित की जाएगी। दिल्ली के प्रमुख अस्पताल के पीछे के परिवार ने 35 मिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ एक विदेशी कंपनी स्थापित की ट्राइडेंट ट्रस्ट के अधिकारियों के बीच ईमेल के आदान-प्रदान से पता चलता है कि उन्होंने बाद में अपनी संपत्ति टिम्बरलेन ट्रस्ट से भी स्थानांतरित कर ली होगी।
किया गया देश के कानूनों का पालन
यहां पर बता दें कि 17 मार्च, 2015 को ट्राइडेंट ट्रस्ट, बीवीआई के प्रबंध निदेशक वॉरेन आर. ल्युट ने अपने सहयोगी डोनेट मैथ्यू को टिम्बरलेन ट्रस्ट सहित तीन ट्रस्टों के बारे में लिखा कि कृपया इन ट्रस्टों पर हुए व्यापक पत्राचार की जांच करें। बैंक बंद हो गया है, ग्राहक गायब हो गए हैं और बैंकर सहायता करने को तैयार नहीं हैं। कृपया ट्रस्टों को बंद करने और शुल्क माफ़ करने के लिए जो भी करना हो करें। वहीं, रेडिको खेतान के कानूनी उपाध्यक्ष दिनेश कुमार गुप्ता ने जवाब में कहा था कि न तो रेडिको खेतान लिमिटेड और न ही खेतान परिवार का दुनिया में कहीं भी कोई अवैध बैंक खाता या ट्रस्ट है या था। हमने देश के सभी लागू कानूनों और नियमों का पालन किया है। यहां पर बता दें कि ललित खेतान रेडिको खेतान के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। यह कंपनी शराब का निर्माण करती है। रेडिको खेतान को पहले रामपुर डिस्टिलरी के रूप में जाना जाता था।

