Kunal Kamra on Indian Railway Fact Check: राय, विचार, शिकायत से लेकर तारीफों तक, सोशल मीडिया ने लोगों को अपने दिल की बात बताने का एक बड़ा प्लेटफॉर्म दिया है. इसी प्लेटफॉर्म के जरिए कुछ लोग सरकार और सरकारी विभाग किस तरह से काम कर रहे हैं, उस पर भी बात करते हैं. इन्हीं लोगों में से एक कुणाल कामरा भी हैं. कुणाल कामरा पेशे से एक कॉमेडियन और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं. इन दिनों कुणाल कामरा रेलवे और उसके काम करने के तरीकों पर सवाल उठाने को लेकर सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. कुणाल कामरा ने हाल ही में यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने रेलवे दुर्घटनाओं और उसमें मरने वाले लोगों की संख्या को लेकर कुछ दावे किए थे.
कुणाल कामरा ने इंडियन रेलवे पर उठाया सवाल
कॉमेडियन और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर कुणाल कामरा ने हाल ही में इंडियन रेलवे के काम करने के तरीकों और दुर्घटनाओं को लेकर बात की थी. कुणाल कामरा ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उनका कहना था कि साल 2023 में रेलवे के लगभग 25 हजार एक्सीडेंट हुए हैं. इतना ही नहीं, कामरा ने यह भी दावा किया था कि इन एक्सीडेंट्स में मरने वालों की संख्या लगभग 22 हजार थी.
कुणाल कामरा ने रेलवे विभाग के साथ-साथ मंत्रियों पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि किस तरह लाल बहादुर शास्त्री ने एक रेल दुर्घटना के बाद अपना इस्तीफा दे दिया था. लेकिन, आजकल के मंत्रियों में रीढ़ की हड्डी ही नहीं है. कुणाल कामरा ने यूट्यूब वीडियो में यह भी कहा था कि ज्यादातर एक्सीडेंट्स सिग्नल फेलियर की वजह से हुए हैं. साथ ही साथ इंफ्लुएंसर ने यह भी दावा किया कि सरकार का ध्यान बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर है जिसके लिए पानी की तरह पैसा भी बहाया जा रहा है. लेकिन, इंडियन रेलवे की अन्य चीजों पर नहीं है.
कुणाल कामरा के दावों पर रेलवे का फैक्ट चेक
कुणाल कामरा के रेलवे और सरकार पर सवाल उठाने के बाद फैक्ट चेक कराया गया. रेलवे ने यह फैक्ट चेक खुद कराया है और कुणाल कामरा के दावों को गलत साबित करने की कोशिश की है. लेकिन, दावों को गलत करने के चक्कर में रेलवे ने अपनी फजीहत खुद ही करा ली है. कुणाल कामरा ने अपने वीडियो में दावा किया था कि साल 2023 में लगभग 25 हजार एक्सीडेंट हुए हैं. लेकिन, रेलवे फैक्ट चेक के सोशल मीडिया हैंडल ने इंफ्लुएंसर के दावों को गलत बताया है और कहा है कि नहीं सिर्फ 24, 678 ही एक्सीडेंट्स हुए हैं.
रेलवे फैक्ट चेक सोशल मीडिया अकाउंट ने लगभग 22 हजार लोगों की मौत पर भी अपना आंकड़ा बताया है. फैक्ट चेक के मुताबिक, 21 हजार 803 लोगों की मौत हुई है. रेलवे फैक्ट चेक के आंकड़ों को देख सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें शुरू हो गई हैं. कई लोगों का कहना है कि रेलवे ने इस तरह का फैक्ट चेक करके अपनी ही फजीहत कराने का काम किया है.
रेलवे ने कुणाल कामरा के लोको पायलट द्वारा ओवरवर्क यानी ज्यादा काम करने वाले दावे को भी गलत ठहराने की कोशिश की है और कहा है कि हर साल 400 लोगों की मौत नहीं हुई है. यह एक साल का नहीं, बल्कि कई सालों का आंकड़ा है. रेलवे का यह भी कहना है कि सिग्नल फेलियर की वजह से होने वाले एक्सीडेंट्स साल 2004 से 2014 के बीच 1,711 हुए हैं और यह अब बीते सालों में घटकर महज 34 साल रह गए हैं. पिछले साल तो सिर्फ 10 एक्सीडेंट्स हुए.
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रेलवे के फैक्ट चेक पर कुणाल कामरा का जवाब
रेलवे के फैक्ट चेक पर भी कुणाल कामरा ने जवाब दिया है. कुणाल कामरा ने एक नया वीडियो बनाया और यूट्यूब पर पोस्ट किया है. इस वीडियो में कुणाल ने बताया कि सरकार और रेलवे ने हमारे सवालों पर काम करने की जगह फैक्ट चेक कराया है. रेलवे के फैक्ट चेक में बताए आंकड़ों और अपनी वीडियो में बताए नंबर्स पर कुणाल कामरा कहते हैं कि उन्होंने सटीक नंबर इसलिए नहीं बताए क्योंकि, यह सब लोगों को समझाने के लिए था. इसलिए Approx यानी लगभग और करीब-करीब जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है.
कुणाल कामरा ने रेलवे के फैक्ट चेक के जवाब पर कहा रेलवे में प्लेटफॉर्म पर घड़ी के अलावा कुछ भी टाइम पर नहीं चलता है. ट्रेन टाइम पर नहीं आती, टिकट बुक नहीं होती, कई बार कंफर्म हो जाती है तो RAC में अटक जाती है ऐसे में पब्लिक आधी सीट पर एडजस्ट होकर ट्रैवल करती है. इंफ्लुएंसर ने साथ ही रेलवे पर सवाल उठाते हुए कहा कि लगभग से इतनी दिक्कत क्या है और अगर नंबर से इतना प्यार है तो 24,678 दुर्घटनाओं की असल वजह जानने वाली रिपोर्ट कहां मिलती है RTI पर?
इंफ्लुएंसर ने साथ ही अपनी वीडियो में यह भी कहा कि रेलवे ने दुर्घटनाओं के कम होने की बात की है. लेकिन, समस्या यह नहीं है कि दुर्घटनाएं कम हुई हैं, यह है कि अभी भी हो रही हैं. कुणाल कामरा ने रेलवे के फैक्ट चेक को खुद ही कॉमेडी शो बता डाला है…इंफ्लुएंसर ने साथ ही कहा कि 25 मिनट के वीडियो में उन्होंने जिन-जिन चीजों पर बात की थी उनमें से कुछ बातों को उठाया गया और फैक्ट चेक कर दिया गया. लेकिन, बाकी बातों जैसे वेट लिस्ट पर करोड़ों वाले रेवेन्यू और सेफ्टी-वैकेंसी जैसी बातों को छोड़ दिया गया क्या इन चीजों को रेलवे ने मान लिया है.
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