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Vivek Express: भारत की सबसे लंबी ट्रेन, 4,189 किलोमीटर की यात्रा, 75 घंटे का सफर, जानें सबकुछ

Vivek Express भारत की सबसे लंबी ट्रेन है, डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक 4,200 किलोमीटर, 9 राज्यों और 57 स्टेशनों से गुजरती है. यात्रा में 75 घंटे लगते हैं और अनुभव बेहद यादगार होता है.

Published by sanskritij jaipuria

India’s Longest Train: भारत में रेल यात्रा का अपना ही मजा है. देश की सड़कों और हवाई मार्गों के मुकाबले, ट्रेन यात्रा आपको लंबी दूरी तय करने के दौरान विविध संस्कृतियों, प्राकृतिक नजारों और स्थानीय जीवन को करीब से देखने का मौका देती है. अगर आप एक यादगार और अलग तरह की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो विवेक एक्सप्रेस आपके लिए एक अनोखा एक्सपीरिएंस हो सकता है.

डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस भारत का सबसे लंबा ट्रेन मार्ग है, जिसकी कुल दूरी लगभग 4,200 किलोमीटर है. ये ट्रेन लगभग 75 घंटे में 57 स्टेशनों पर रुकती है और 9 राज्यों से होकर गुजरती है.

राज्यों और स्टेशनों का सफर

विवेक एक्सप्रेस नौ राज्यों से होकर गुजरती है: असम, नागालैंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु.

असम और नागालैंड के स्टेशन:
ट्रेन डिब्रूगढ़ से शुरू होती है और न्यू तिनसुकिया, नहरकटिया, सिमालुगुरी, मरियानी, फुरकाटिंग आदि स्टेशनों से गुजरती है. इसके बाद ये नागालैंड के डिमापुर पहुंचती है और फिर असम में वापस आती है, जहां ये डिफू, लुमडिंग, होजाई, जगिरोड, गुवाहाटी, गोलपारा, न्यू बोंगाईगांव और कोक्राझार में रुकती है.

पश्चिम बंगाल और बिहार के स्टेशन:
इसके बाद ट्रेन पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है और न्यू अलीपुरद्वार, न्यू कूच बिहार, माथाभंगा, जलपाईगुड़ी रोड, न्यू जलपाईगुड़ी में ठहरती है. ट्रेन बिहार के किशनगंज से होकर गुजरती है और फिर पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन, रामपुर हट, बर्धमान, दंकुनी, कोलकाता और खड़गपुर में रुकती है.

ओडिशा और आंध्र प्रदेश के स्टेशन:
ओडिशा में ट्रेन बालासोर, भद्रक, कटक, भुवनेश्वर, खुरदा रोड और ब्रह्मपुर में रुकती है. आंध्र प्रदेश में यह तट沿 के शहरों पलासा, श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापट्टनम, डुव्वाडा, समरलाकोटा, राजामुंद्री, एलुरु, विजयवाड़ा, ओंगोले, नेल्लोर और रेनिगुंटा से गुजरती है.

तमिलनाडु और केरल के स्टेशन:
तमिलनाडु में ट्रेन कटपड़ी, सलेम, इरोड, कोयम्बटूर में ठहरती है और केरल में यह पलक्कड़, त्रिशूर, अलुवा, एर्नाकुलम, कोट्टायम, चेंगन्नूर, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम से गुजरती है. अंत में ट्रेन तमिलनाडु के नागरकोइल पहुंचती है और कन्याकुमारी में अपनी यात्रा समाप्त करती है.

विवेक एक्सप्रेस का महत्व

डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस को 2013 में शुरू किया गया था, ताकि स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनकी स्मृति को सम्मानित किया जा सके. ये ट्रेन न केवल भारत के दो छोरों को जोड़ती है, बल्कि यात्रियों को देश की विविधता और संस्कृति का एक्सपीरिएंस भी देती है.

यात्रा की विशेषताएं और एक्सपीरिएंस

विवेक एक्सप्रेस लगभग चार दिन में 4,200 किलोमीटर की दूरी तय करती है. ये ट्रेन सुपरफास्ट एक्सप्रेस श्रेणी में आती है. डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के लिए इसका नंबर 15906/22504 है और वापसी यात्रा के लिए 22503/15905.

ट्रेन की यात्रा लंबी होने के कारण, यात्रियों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए:

 1. चलने वाले दिन

पहले ये ट्रेन साप्ताहिक दो बार चलती थी, लेकिन अब इसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ाकर सप्ताह में चार दिन कर दी गई है. ये ट्रेन मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को डिब्रूगढ़ से चलती है.

 2. बुकिंग और योजना

टिकट की बुकिंग पहले से कर लेना जरूरी है, क्योंकि ट्रेन केवल निर्धारित दिनों में चलती है. आखिरी समय पर बुकिंग करने पर सीट मिलना मुश्किल हो सकता है.

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 3. भोजन और खानपान

ट्रेन में पैंट्री कार है और कई प्रमुख स्टेशनों पर ई-कैटरिंग की सुविधा भी उपलब्ध है. लंबी यात्रा के दौरान कुछ सुखी खाद्य सामग्री और पानी अपने साथ रखना बेहतर होता है.

 4. व्यक्तिगत सफाई का ध्यान

लंबी यात्रा के दौरान हैंड सैनेटाइजर, वेट वाइप्स, एंटीसेप्टिक और डिसइंफेक्टेंट रखना उपयोगी होता है.

 5. सामान और सुरक्षा

स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने कीमती सामान सुरक्षित रखने और सतर्क रहने की जरूरत होती है.

यात्रा का एक्सपीरिएंस

विवेक एक्सप्रेस की यात्रा केवल दूरी तय करना नहीं है, बल्कि ये भारत की विविधता और संस्कृति का जीवंत एक्सपीरिएंस है. ट्रेन के रास्ते में आपको हरे-भरे पहाड़, नदी के किनारे, कोस्टल क्षेत्रों और शहरों की हलचल देखने को मिलती है. हर स्टेशन पर रुकने का समय यात्रियों को छोटे-छोटे एक्सपीरिएंस और स्थानीय जीवन की झलक देता है.

पूर्वोत्तर के जंगलों और चाय बागानों से शुरू होकर दक्षिण के समुद्री किनारे तक की ये यात्रा यात्रियों को एक अद्वितीय दृष्टिकोण देती है. ट्रेन के अंदर और बाहर की प्राकृतिक सुंदरता, स्थानीय बाजार और स्टेशन का जीवन, यात्रा को यादगार बनाते हैं.

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 यात्रा की तैयारी के लिए सुझाव

1. आरामदायक कपड़े पहनें: लंबी यात्रा में आरामदायक और हल्के कपड़े पहनना बेहतर होता है.
2. छोटा बैग रखें: स्टेशन पर उतरने और सामान संभालने में सुविधा होती है.
3. सामाजिक दूरी बनाए रखें: भीड़ वाले स्टेशनों और ट्रेन में सतर्क रहें.
4. स्थानीय व्यंजन आजमाएं: कुछ स्टेशनों पर स्थानीय भोजन खरीदकर उसका स्वाद लेना यात्रा को और यादगार बना देता है.
5. फोटो और वीडियो: रास्ते और नजारों को कैमरे में कैद करना एक अच्छा अनुभव बनता है.

डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस न केवल भारत की सबसे लंबी ट्रेन यात्रा है, बल्कि ये देश की भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को करीब से देखने का अवसर देती है. ये यात्रा चार दिनों में लगभग 4,200 किलोमीटर की दूरी तय करती है और नौ राज्यों से होकर गुजरती है.

अगर आप एक शानदार एक्सपीरिएंस करना चाहते हैं और लंबी ट्रेन यात्रा का मजा लेना चाहते हैं, तो विवेक एक्सप्रेस की यात्रा आपके लिए एक जीवनभर याद रहने वाला एक्सपीरिेंस हो सकती है.

 

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