Tsunami-earthquake news: बुधवार को रूस में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप से दुनिया हिल गई है। प्रशांत महासागर से जुड़े एक बड़े क्षेत्र पर सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। रूस और जापान के कुछ तटों पर भी सुनामी आई है। इस आपदा ने एक बार फिर 2004 की आपदा की याद दिला दी है। 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए 9.1-9.3 तीव्रता के भूकंप से आई सुनामी ने मानवता को झकझोर कर रख दिया था। इस आपदा को बॉक्सिंग डे सुनामी के नाम से जाना जाता है। इस भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास समुद्र तल पर था, जिससे पूरा महासागर हिल गया था।
इस भूकंप से आई सुनामी के कारण समुद्र में 30 मीटर ऊँची लहरें उठीं। इससे हिंद महासागर के तटीय इलाके तबाह हो गए। भारत समेत 14 देश इस त्रासदी से प्रभावित हुए। इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और मालदीव में सबसे ज़्यादा तबाही हुई। इस आपदा में लगभग 2.30 लाख लोग मारे गए। यह आधुनिक इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी।
दिल्ली में भूकंप के दौरान सुनाई दी थीं रहस्यमयी आवाजें
बता दें, 17 फ़रवरी 2025 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में तेज़ भूकंप महसूस किया गया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 थी। तब लोगों ने दावा किया था भूकंप के दौरान तेज़ आवाज़ दिल्ली में भूकंप के दौरान तेज़ गड़गड़ाहट की आवाज़ भी सुनाई दी।
भूकंप के दौरान आवाज़ कहाँ से आई?
लेकिन विशेषज्ञ ऐसी आवाज़ को लेकर ज़्यादा सहमत नहीं दिखे। तब एक निजी चैनल ने भूकंप विशेषज्ञ डॉ. भावेश पांडे से इस तरह की आवाज़ को लेकर बात की थी। डॉ. पांडे रेज़िलिन्फ्रास टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। तब उन्होंने बताया था कि इस भूकंप का केंद्र ज़मीन से पाँच किलोमीटर नीचे था। यह संभव नहीं है कि ज़मीन से पाँच किलोमीटर नीचे घटी किसी घटना की आवाज़ धरती पर सुनाई दे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि भूकंप के कारण कोई वस्तु गिर गई हो या किसी व्यक्ति को घबराहट में ऐसी आवाज़ सुनने का भ्रम हुआ हो। उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि भूकंप के कारण बहुमंजिला इमारतें झूले की तरह हिल गई हों, ऐसे में संभव है कि लोगों ने इसे महसूस किया हो।

