DRDO KAVERI 2.0 PROJECT: भारत बड़ी तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। इस कड़ी में भारतीय सेना भी सहयोग कर रही है और देश में ही बने हथियारों को शामिल कर रही है। लेकिन अभी भी कई ऐसी चीजें हैं, जिसके लिए हमें बाकी देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इसमें लड़ाकू विमानों में लगने वाले इंजन भी शामिल हैं।
लेकिन DRDO ने अब इस कड़ी में भी काम शुरू कर दिया है। भारत इस वक्त कावेरी 2.0 नाम के इंजन पर काम कर रहा है। यह इंजन GE-F414 (अमेरिकी इंजन) की टक्कर का होगा।
DRDO बना रहा स्वदेशी इंजन ‘कावेरी 2.0’
भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के अलावा, DRDO स्वदेशी इंजन कावेरी 2.0 पर भी काम कर रहा है। आपको बता दें कि गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट (GTRE) ने कावेरी 2.0 नाम से एक नया इंजन तैयार किया है।
यह इंजन GE-F414 (अमेरिकी इंजन) को टक्कर देगा। इंजन का कोर 55-58 kN थ्रस्ट उत्पन्न करेगा। आफ्टरबर्नर (वेट थ्रस्ट) के साथ यह 90 kN से ज़्यादा शक्ति देगा। इससे भारत की रक्षा तकनीक पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगी और किसी विदेशी इंजन पर निर्भरता नहीं रहेगी।
इन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा भारत
आपको बता दें कि AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2027 तक उड़ान भरने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस कदम के बाद भारत रक्षा महाशक्तियों – अमेरिका, रूस और चीन – की सूची में शामिल हो जाएगा। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो उसके पास अभी यह क्षमता नहीं है, जबकि उसके करीबी सहयोगी अमेरिका और चीन इस तकनीक में आगे हैं। AMCA न केवल भारत को सामरिक मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता भी हासिल करेगा।
फिलहाल के ये तकनीक दुनिया में कुछ ही देशों के पास उपलब्ध है, जिनमें अमेरिका, रूस और चीन आते हैं। दुनिया के बाकी देश भारत की तरह इस तकनीक पर तेजी से काम कर रहे हैं।

