Voter Fraud Allegations: बिहार चुनाव के पहले चरण के बाद अब एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया जब आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘वोट चोरी’ के बाद ‘मतदाता धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने दो बार मतदान किया, एक बार फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में और फिर बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में.
पहले दिल्ली में, फिर बिहार में डाला वोट!
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि सिन्हा ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली चुनाव में द्वारका से और फिर बिहार के सीवान से वोट डाला था. उन्होंने इसे धोखाधड़ी का खुला मामला बताया.
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद राकेश सिन्हा, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ाते हैं, बिहार के पते का दावा नहीं कर सकते. उन्होंने भाजपा पर खुलेआम और ज़बरदस्त चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने सिन्हा सहित कई लोगों की तस्वीरें साझा कीं, जिन्होंने कथित तौर पर दिल्ली और बिहार दोनों में मतदान किया था.
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर कहा, भाजपा नेता राकेश सिन्हा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट दिया था; 5 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव में भी वोट दिया. यह किस योजना के तहत हो रहा है?
क्या कहता है देश का कानून?
जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय चुनाव कानून, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत निवास के आधार पर एक निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक ही मतदाता पंजीकरण अनिवार्य करता है. कई राज्यों या निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करना धोखाधड़ी माना जाता है, जिसके लिए कारावास या जुर्माना हो सकता है.
राकेश सिन्हा ने इस विवाद पर क्या कहा?
X पर एक पोस्ट में,राकेश सिन्हा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, मुझे नहीं पता था कि राजनीति इतनी तुच्छ हो सकती है. संविधान में आस्था पर सवाल उठाने वालों को सौ बार सोचना चाहिए. मेरा नाम दिल्ली की मतदाता सूची में था. बिहार की राजनीति में मेरी सक्रिय भागीदारी के कारण, मैंने अपना नाम बदलकर मानसेरपुर (बेगूसराय) गांव में करवा लिया. क्या मुझे इस आरोप के लिए मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए?

